दलालों ने खोल रखा था डीटीओ कार्यालय, दो की हुई गिरफ्तारी

पटना : गांधी मैदान थाने के बिस्कोमान भवन में स्थित डीटीओ कार्यालय के नीचे दलाल ने मिनी कार्यालय खोल रखा था. इस बात का खुलासा उस समय हुआ जब गांधी मैदान थाना प्रियरंजन के नेतृत्व में पुलिस टीम ने खदेड़ कर दो दलाल पिंटू (चिरैयाटांड, पृथ्वीपुर) व अनिल सिंह (बेलवरगंज, पश्चिम दरवाजा, पटनासिटी) को पकड़ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 19, 2017 8:43 AM
पटना : गांधी मैदान थाने के बिस्कोमान भवन में स्थित डीटीओ कार्यालय के नीचे दलाल ने मिनी कार्यालय खोल रखा था. इस बात का खुलासा उस समय हुआ जब गांधी मैदान थाना प्रियरंजन के नेतृत्व में पुलिस टीम ने खदेड़ कर दो दलाल पिंटू (चिरैयाटांड, पृथ्वीपुर) व अनिल सिंह (बेलवरगंज, पश्चिम दरवाजा, पटनासिटी) को पकड़ लिया. हालांकि उनके दो-तीन और साथी वहां से निकल भागने में सफल रहे. इन लोगों के पास से कई तरह के कार्यों के लिए जमा किये गये शुल्क की दर्जनों प्रति व दो लाख नकद बरामद किये गये.

खास बात यह है कि इन लोगों ने पूछताछ के दौरान यह जानकारी दी है कि दलालों के गिरोह का मास्टरमाइंड कोई और है और उसके ही इशारे पर वे लोग काम करते है. वे लोग केवल लोगों से पैसा लेते है और वहीं सारा काम कराता है. इसके बाद वे लोग उससे कागजात लेकर फिर से उन लोगों को दे देते है. उनका काम केवल शुल्क जमा कराना ही है. पुलिस को गिरोह के सरगना व मास्टरमाइंड के नाम की जानकारी मिल चुकी है और गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. गांधी मैदान थानाध्यक्ष प्रियरंजन ने बताया कि इन लोगों से पूछताछ की जा रही है और इस बात की जानकारी ली जा रही है कि इसमें कहीं इन लोगों के संपर्क में कौन-कौन से डीटीओ कार्यालय का कर्मचारी है. उन सभी के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जायेगी.

डीटीओ कार्यालय की कार्यशैली से दलालों की चांदी
डीटीओ कार्यालय की कार्यशैली के कारण दलालों की चांदी है. किसी भी काम के लिए लंबी लाइन से मुक्ति दिलाने का दावा कर दलाल डीटीओ कार्यालय में सक्रिय है. एक बार उन्हें उनकी कीमत प्रदान करने के बाद एक नीयत समय पर दलालों द्वारा बुलाया जाता है और फिर उन्हें उनके कागजात को सौंप दिया जाता है. अगर डीएल बनाना हो उसके लिए सरकारी रूप से दिये जाने वाली राशि से दोगुना राशि दलालों द्वारा लिया जाता है और लोग लाइन में लगने और विभिन्न प्रक्रियाओं से गुजरने के झंझट से छुटकारा पाने के लिए दलालों को ही काम सौंप देते है. दलालों की पूरी टीम डीटीओ कार्यालय के इर्द-गिर्द रहती है और जैसे ही कोई आता है और डीटीओ कार्यालय से जुड़ा कोई भी काम होता है, उसे तुरंत स्वीकार कर लेते है.

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