पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री व बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री पर हमला करते हुए कहा है कि नीतीश कुमार खुद प्रधानमंत्री बनना चाहते थे, इसलिए वह भाजपा में नरेंद्र मोदी की जगह किसी कमजोर नेता को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार बनवाना चाहते थे.
विधान परिषद स्थित अपने कक्ष में संवाददाताओं से उन्होंने कहा कि भाजपा ने कभी नहीं कहा था कि वह नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनायेगी. पार्टी ने इतना जरूर कहा था कि पीएम उम्मीदवार तय करने से पहले सहयोगी दलों से विचार-विमर्श किया जायेगा. उन्होंने पूछा कि जब इस अपहरण कांड का मास्टरमाइंड अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है, तब किस आधार पर मुख्यमंत्री दावा कर रहे हैं कि इसमें किसी राजनेता की भूमिका नहीं है. उन्होंने दमन के व्यवसायी सोहैल हिंगोरा के अपहरण कांड की सीबीआइ जांच की मांग की है. मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार एक समाजवादी नेता हैं और समाजवादी पृष्ठभूमि के लोग न तो भाजपा से दूर रह सकते हैं और न ही बहुत दिनों तक भाजपा के साथ. वर्ष 1967 से लेकर अब तक तीन बार समाजवादियों ने भाजपा के साथ चुनावी तालमेल किया है और तीनों बार संबंध विच्छेद हुआ है. ऐसे में मुख्यमंत्री द्वारा यह कहना कि ‘मिट्टी में मिल जाऊंगा, लेकिन भाजपा का सहयोग नहीं लूंगा’ समझ से परे है. भाजपा ने यह कभी नहीं कहा था कि नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं बनाया जायेगा, पार्टी ने यह जरूर कहा था कि जब प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार तय किया जायेगा, सहयोगी दलों से भी सलाह ली जायेगी.
क्या बात हुई चिदंबरम से : मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार चाहते थे कि भाजपा किसी कमजोर नेता को पीएम का उम्मीदवार घोषित करे और बाद में सहयोगी दलों के सहयोग से वे खुद पीएम बन जायेंगे. उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम और मुख्यमंत्री के बीच क्या बातचीत हुई थी, इसकी भी जांच होनी चाहिए. मोदी ने कहा कि हिंगोरा का दावा है कि उसने बिहार पुलिस को अपहरण कांड के मास्टरमाइंड की पूरी जानकारी उपलब्ध करा दी गयी है. मुख्यमंत्री को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि हिंगोरा ने कौन-सी जानकारी उपलब्ध करायी है. अभी तो यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया कि दोनों के बीच पैसे का लेन-देन कहां हुआ.