पटना: लोकसभा चुनाव के पहले शुक्रवार से आरंभ हो रहे बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के हंगामेदार होने की संभावना है. हर राजनीतिक दल को जनता के सामने अपनी छवि बेहतर करने की चिंता है.
जन समस्याओं को लेकर विपक्ष द्वारा सरकार की घेराबंदी की जायेगी. सिस्टम पर सवाल खड़ा करते हुए मंत्री पद से इस्तीफा देनेवाली परवीन अमानुल्लाह को लेकर भी विपक्ष सरकार से जवाब तलब करेगी. इस बीच सत्र को लेकर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये हैं. पूरे परिसर व इसके बाहर निषेधाज्ञा लागू कर दिया गया है.
पहले से अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किये जायेंगे. पिछले दिनों विधानसभाध्यक्ष उदय नारायण चौधरी की अध्यक्षता में हुई बैठक में सभा सचिवालय ने सदस्यों की सुरक्षा को लेकर डीजीपी अभयानंद के समक्ष कई सवालों को रखा. बैठक में यह भी खुलासा हुआ कि विधानसभा व विधान परिषद में अवांछित तत्वों पर नजर रखने के लिए बेल्ट्रॉन की ओर से लगाये गये 16 सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे. इसकी वजह बेल्ट्रॉन को बकाया पांच करोड़ रुपये का भुगतान नहीं होना है. स्वयं स्पीकर ने कहा कि हमने तो कभी सीसीटीवी की मॉनीटरिंग होते नहीं देखी. बाद में निर्णय लिया गया कि इस बार मॉनीटरिंग होगी. डीजीपी अभयानंद ने स्पीकर को आश्वासन दिया कि अगर जरूरी हुआ, तो अतिरिक्त बल सुरक्षा में तैनात किये जायेंगे.
आधा दर्जन विधेयक भी होंगे पेश
सत्र के पहले दिन राज्यपाल डॉ डीवाइ पाटील संयुक्त सदन की बैठक को संबोधित करेंगे. शोक प्रस्ताव के बाद पहले दिन की कार्यवाही स्थगित कर दी जायेगी. सोमवार से शुरू होनेवाले सत्र में बजट प्रस्ताव, लेखानुदान पेश किये जायेंगे. इसके अतिरिक्त आधा दर्जन विधेयक बिहार फायर सर्विसेज एक्ट 2014, विनियोग विधेयक 2014 समेत कई अन्य विधेयक पारित कराये जायेंगे. सदन में महालेखाकार द्वारा सौंपे गये पंचायती राज, स्थानीय निकाय व वित्तीय प्रतिवेदन को सदन के पटल पर रखा जायेगा. सत्र के अंतिम दिन विधानसभा में गैर सरकार सदस्यों के गैर सरकारी संकल्प लिये जायेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रभारवाले विभागों से पूछे जानेवाले सवालों का जवाब देने के लिए मंत्रियों के बीच प्रभार आवंटित कर दिये गये हैं.