सीवान.
मनमोहन सरकार की गलत नीतियों के कारण देश का भविष्य अंधकारमय हो गया है और चारों तरफ भ्रष्टाचार व महंगाई का बोलबाला है. वह भी तब जब एक अर्थशास्त्री 10 वर्षो से देश का प्रधानमंत्री है. जब मनमोहन सरकार बनी थी, तो लोगों को लगा था कि देश विकास क ी राह पर आगे बढ़ेगा, लेकिन हुआ इसके विपरीत. ये बातें भाकपा माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने बुधवार को नगर के गांधी मैदान में आयोजित जन दावेदारी को संबोधित करते हुए कहीं. उन्होंने कहा कि एक तरफ देश भ्रष्टाचार और महंगाई में आकंठ में डूबा है, तो दूसरी ओर भाजपा को उसके प्रधानमंत्री उम्मीदवार के अलावा कोई मुद्दा नहीं दिख रहा है. भाजपा कहती है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बोलते नहीं है. परंतु उसके घोषित प्रधानमंत्री उम्मीदवार गुजरात के मुख्यमंत्री बड़बोलेपन में देश की महंगाई खत्म कर रहे है और चारों ओर गुजरात मॉडल का ढोल पीट रहे हैं. नरेंद्र मोदी कहते है कि गुजरात में गरीबी नहीं है, लेकिन उनका पैमाना ही सही नहीं है. गुजरात में 10 रुपये 80 पैसे प्रतिदिन कमाने वाले गरीब नहीं है. जबकि 10 रुपये में दो कप चाय भी मुश्कि ल से मिलती है. जबकि इसी भाजपा ने केंद्र के 26 रुपये के दायरे को लेकर हाय-तोबा मचायी थी. माले महासचिव ने कहा कि क ॉग्रेस पार्टी ,कॉग्रेस का हाथ आम आदमी के साथ और अपनी तरक्की का ढोल पीट रही है और राहुल को देश का तारनहार बताने में लगी है. उन्होंने कहा कि अगला चुनाव कौन बनेगा प्रधानमंत्री के नारे पर न होकर नीतियों और सिद्धांतों के आधार पर लड़ा जायेगा. उन्होंने कहा कि सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 17 वर्षो तक भाजपा के साथ सत्ता का स्वाद चखते रहे और जब प्रधानमंत्री बनने के दावेदारी की बात आयी तो उन्होंने मोदी का विरोध करते हुए आडवानी को नेता बनाने की मांग पर राजग छोड़ दिया. जबकि वह उस समय चुप बैठे थे ,जब 2002 में गुजरात में नरसंहार हो रहा था. अब नीतीश कुमार दिल्ली में तीसरे मोरचे का सिगूफा बना रहे हैं और वाम दलों के सहयोग की बात कर रहे है. इस मोरचे में मुलायम सिंह भी शामिल हैं, जो मुजफ्फर नगर दंगे को वोट बैंक को लेकर बढ़ावा दे रहे है. श्री भट्टाचार्य ने नीतीश सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि यह सरकार अफसरशाही और भ्रष्टाचार में डूबी हुई है. इस सरकार में गरीबों की बात सुनने वाला कोई नहीं है. एपीएल,बीपीएल सूची ,सामाजिक-आर्थिक जनगणना, इंदिरा आवास आदि में घपलेबाजी चल रही है. किसानों को उचित मूल्य पर बीज और उर्वरक नहीं मिल पा रहा है और जनता विभिन्न समस्याओं से कराह रही है. गांव में शुद्ध पानी तो नहीं मिल रहा, परंतु गांव-गांव में शराब की दुकानें खुल गयी हैं. माले जिला सचिव इंद्रजीत चौरसिया ने कहा कि सीवान में आतंक के विरुद्ध लड़ाई में कॉमरेड चंद्रशेखर समेत करीब 150 पार्टी कार्यकर्ताओं ने अपनी शहादत दी है. रैली में मंच पर उपस्थित नेताओं समेत उमड़े जन सैलाब ने खड़े होकर इनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा. रैली की समाप्ति के बाद मंच से छह प्रस्तावों को पास करने की घोषणा की गयी, जिनमें गुठनी के चिलमरवा कांड में फंसाये गये पार्टी नेता अमरजीत कुशवाहा व सत्यदेव राम का नाम हटाने की मांग पुलिस प्रशासन से की गयी. रैली को भाकपा माले के राज्य कमेटी सदस्य मैनुद्दीन अंसारी, ऐपवा महासचिव मीना तिवारी, ऐपवा नेत्री सोहिला गुप्ता व पूर्व विधायक अमरनाथ यादव ने भी संबोधित किया. मौके पर रामएकबाल प्रसाद, इंद्रजीत चौरसिया, योगेंद्र यादव,नंदकिशोर प्रसाद,जावेद वेग, प्रो. जमील, सुदामा ठाकुर, युगलकिशोर ठाकुर, हंसनाथ राम, शिवनाथ राम, सुजीत कुशवाहा, जयशंकर कुमार, राम सागर पासवान, सुमन कुशवाहा, लाल बाबू कुशवाहा, शिवजी सहनी समेत अन्य नेता व बड़ी संख्या में माले कार्यकर्ता एवं अन्य लोग उपस्थित थे.