पटना: भागलपुर के पीरपैंती में 1320 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट लगेगा. इस पर 9240 करोड़ की लागत आयेगी. यह बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड और नेशनल हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन का संयुक्त उपक्रम होगा.
इसके लिए त्रिपक्षीय समक्षौता के प्रारूप को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है. सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से बकाये बिल के सूद की राशि को माफ करने का निर्णय लिया है. इसके लिए वन टाइम सेटलमेंट स्कीम यानी ओटीएस लागू करने का निर्णय लिया है.
यह स्कीम 10 फरवरी से 31 मई 2014 की अवधि में लागू रहेगा. 11 जिलों में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत विद्युतीकृत करने का निर्णय लिया गया है. कैबिनेट के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्र ने बताया कि भागलपुर के पीरपैंती में बनने वाली थर्मल पावर स्टेशन का नाम पीरपैंती बिजली कंपनी होगा. इसमें 26 प्रतिशत हिस्सेदारी बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी का होगा तथा 74 प्रतिशत हिस्सेदारी नेशनल हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड का होगा. इसमें 30 प्रतिशत इक्वीटी दोनों कंपनी की रहेगी तथा शेष राशि लोन के रुप में लिया जायेगा. निर्माण कार्य की प्रक्रिया शुरू करने के लिए जल्द ही तीनों कंपनियों के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर होगा.
समझौता योजना : बकाये बिजली बिल पर लगे सूद की राशि को माफ करने के लिए सरकार एक मुश्त समझौता योजना यानी ओटीएस लागू करने का निर्णय लिया गया है. इस योजना का लाभ बीपीएल परिवार से लेकर उद्योगपतियों तक को मिलेगा. इस योजना के लागू होने से उपभोक्ताओं पर सूद मद की 1480 करोड़ रुपये माफ हो जायेगी. सरकार ने तत्काल इस योजना के लिए 650 करोड़ रुपये तत्काल देने का निर्णय लिया गया है. यह लाभ तब मिलेगा जब उपभोक्ता बिजली बिल की मूल राशि एकमुश्त जमा करेंगे. योजना 10 फरवरी 2014 से 31 मई 2014 तक की अवधि में लागू रहेगा. इसमें सरकारी उपभोक्ताओं को कोई राहत नहीं मिलेगी.
राशि माफ : मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुसार कुटिर ज्योति व बीपीएल उपभोक्ताओं को 100 प्रतिशत सूद की राशि माफ हो जायेगी. शहरी क्षेत्र के घरेलू उपभोक्ता व गैर घरेलू उपभोक्ताओं को 75 प्रतिशत तथा एलटी लाइन व एचटी लाइन उपभोक्ताओं को 50 प्रतिशत सूद की राशि माफ हो जायेगी.
विद्युतीकरण : 11 जिलों में बचे हुए गांवों के विद्युतीकरण के लिए 3130 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी गयी है. राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत विद्युतीकीण का काम एसबीपीडीसीएल एवं एनबीपीडीसीएल के माध्यम से होगा. इस योजना के तहत 25 केवीए के बदले 63 केवीए का ट्रांसफॉर्मर लगाया जायेगा. राज्य के विद्युत कंपनियों के वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए 31 मार्च 2013 तक की अवधि के लघु वित्तीय दायित्वों के भुगतान के लिए 2360.71 करोड़ रुपये दिये जायेंगे. इसमें राज्य सरकार की अंशदायी पूंजी 300.23 करोड़ रुपये की होगी तथा शेष राशि कैनरा बैंक व यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ऋण के रूप में उपलब्ध करायेगी. इसके लिए राज्य सरकार गारंटी देगी.
मॉडल स्टीमेंट : सांसद व विधायकों की अनुशंसा पर जले हुए ट्रांसफॉर्मर के बदले नये ट्रांसफॉर्मर लगाने के लिए मार्ग निर्देशिका में संशोधन का फैसला लिया गया है. ट्रांसफॉर्मर के लिए मॉडल स्टीमेंट बनाया जायेगा. स्टीमेट से ज्यादा राशि खर्च होने पर उसका वहन सरकार उसे योजना मद से देगी. नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी एवं साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड के क्षेत्र में 10/16/25/40 केवीए के जले एवं पुराने ट्रांसफॉरमर के जगह पर अब 63 व 100 केवीए का नया ट्रांसफॉर्मर लगाया जायेगा. योजना मद से दोनों कंपनियों के लिए 8987.30 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी है. चालू वित्तीय वर्ष में इसके विरुद्ध 3350 करोड़ दिया जाना है. फिलहाल 12 करोड़ रुपये उपलब्ध कराया जायेगा.