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थानेदार हत्याकांड का मुख्य आरोपित दिल्ली से गिरफ्तार
गया/पटना : गया जिले के कोठी के थानाध्यक्ष क्यामुद्दीन अंसारी की हत्या करने के मुख्य आरोपित शाने अली व उसके सहयोगी सानू को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया. एसआइटी ने उसे दिल्ली पुलिस के सहयोग से मंगलवार की सुबह गिरफ्तार किया. पुलिस ने दोनों को कोर्ट में पेश किया व कोर्ट ने ट्रांंजिट रिमांड […]
गया/पटना : गया जिले के कोठी के थानाध्यक्ष क्यामुद्दीन अंसारी की हत्या करने के मुख्य आरोपित शाने अली व उसके सहयोगी सानू को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया. एसआइटी ने उसे दिल्ली पुलिस के सहयोग से मंगलवार की सुबह गिरफ्तार किया. पुलिस ने दोनों को कोर्ट में पेश किया व कोर्ट ने ट्रांंजिट रिमांड पर एसआइटी को सौंप दिया. गया की एसएसपी गरिमा मलिक ने बताया कि एसआइटी आराेपित को लेकर दिल्ली से चल चुकी है.
तीन अक्तूबर को कोठी थानाध्यक्ष की उस वक्त अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी, जब वह मॉर्निंग वाॅक पर निकले थे. इस मामले में सनलाइट सेना के कमांडर शाने अली व उसके खास सहयोगियों के नाम आये थे. पुलिस ने मामले की पड़ताल के दौरान गया शहर स्थित न्यू करीमगंज से शाने अली के सहयोगी शकील को गिरफ्तार कर लिया था. उसने खुलासा किया था कि संबंधित घटना में शाने अली ही मुख्य है. इसके बाद से उसे पकड़ने के लिए एसआइटी गठित की गयी.
टेक्निकल सेल सर्विलांस के माध्यम से एसआइटी को पुख्ता जानकारी मिली कि पिछले सप्ताह कोलकाता से शाने अली दिल्ली पहुंच चुका है और अपने एक रिश्तेदार के यहां ठिकाना बनाया है. इस सूचना के आधार पर एसआइटी दिल्ली के जामियानगर थाना पहुंची. दिल्ली पुलिस की मदद से मंगलवार की सुबह शाइनबाग स्थित घर में दबिश दी गयी.
इस दौरान शाने अली व सानू को गिरफ्तार कर लिया गया. संबंधित मामले में एसएसपी गरिमा मलिक का कहना है कि एसआइटी आरोपित को लेकर गया के लिए रवाना हो चुकी है. फिलहाल, उससे पूछताछ नहीं की गयी है. एसआइटी के पहुंचने के बाद ही आगे की जानकारी मिल सकेगी. हत्या किये जाने की ठोस वजह पूछताछ व जांच के दौरान मिले साक्ष्यों के आधार पर ही स्पष्ट हो सकेगा. कोठी थाने में 11 मामले दर्ज. शाने अली ने जुर्म की दुनिया में पहली बार नौ मई, 1987 को कदम रखा था.
उसके खिलाफ कोठी थाने में धारा 457/380 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. इसके बाद उसने सनलाइट सेना तैयार की. इसके बाद अपने क्षेत्र व आसपास के इलाकोंं में अपराध की एक के बाद एक घटनाओं को अंजाम दिया. हालांकि, बीच में वह गिरफ्तार हुआ व छूट भी गया. लेकिन, उसका अपराध से नाता खत्म नहीं हुआ. कुछ वर्षों तक कोलकाता में भी आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहा. अकेले कोठी थाना क्षेत्र में 11 मुकदमे दर्ज हैं. इसके अलावा झारखंड के प्रतापपुर में भी केस दर्ज हैं.
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