नयी दिल्ली/पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और वाम नेतृत्व ने अगले लोकसभा चुनाव के लिए गैर कांग्रेस एवं गैर भाजपा विकल्प के बारे में चर्चा करने के लिए आज अन्य नेताओं के साथ नाश्ते पर मुलाकात की.
यह अनौपचारिक बैठक जद (सेक्युलर) प्रमुख एवं पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के आवास पर हुई जिसमें फैसला किया गया कि 11 गैर कांग्रेस, गैर भाजपा दलों के नेता तीसरी शक्ति को ठोस रूप प्रदान करने लिए संसद के विस्तारित शीतकालीन सत्र के बाद एक औपचारिक बैठक करेंगे. नाश्ते पर हुई इस बैठक में माकपा महासचिव प्रकाश करात, भाकपा के वरिष्ठ नेता ए बी बर्द्धन और फॉरवर्ड ब्लॉक महासचिव देवब्रत विश्वास शामिल थे.
सूत्रों ने बताया कि अगले लोकसभा चुनाव में गैर कांग्रेस, गैर भाजपा शक्ति का संदेश देने के लिए एक या दो जनसभाएं आयोजित की जा सकती हैं लेकिन योजना को ठोस रुप सत्र के बाद 11 दलों के नेताओं की बैठक के बाद ही दिया जा सकता है.
बैठक में हिस्सा लेने वाले जद (एस) महासचिव दानिश अली ने कहा, यह अनौपचारिक बैठक थी.चूंकि बिहार के मुख्यमंत्री राष्ट्रीय राजधानी में थे, नेताओं ने नाश्ते पर मुलाकात का निर्णय किया.लोकसभा चुनाव से पहले गैर कांग्रेस, गैर भाजपा विकल्प के लिए रणनीति तैयार करने का निर्णय किया गया.
उन्होंने कहा, यह सहमति बनी कि गत पांच फरवरी को समान रणनीति बनाने के लिए संसद में साथ आये ऐसे 11 दलों के नेता दिल्ली में एक बैठक करेंगे और आगे की रणनीति का निर्णय करेंगे.शेष दल उसे मजबूत करने के लिए संयुक्त रूप से मंच पर मौजूद रहेंगे. जदयू को बिहार में सपा समेत वामपंथी पार्टियों का सहयोग मिलेगा, वहीं यूपी और पश्चिम बंगाल में जदयू सपा और वामपंथी दलों को सहयोग करेगा.
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता सह सांसद केसी त्यागी ने बताया कि संसद में काम करने के लिए मोरचा तैयार हो गया है. सोमवार की बैठक में आपसी सहमति पर भी विचार होगा. इस ब्लॉक में जदयू, माकपा, भाकपा, आरएसपी, फारवर्ड ब्लॉक, सपा, बीजद, एआइएडीएमके, जेवीएम, जनता दल सेकुलर और असम गण परिषद शामिल हैं.
बिहार में चार चरणों में होगा लोस चुनाव !
पटना : बिहार में लोकसभा चुनाव चार चरणों में संभावित है. मुख्य निर्वाचन आयुक्त के समक्ष मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीइओ), बिहार कम-से-कम चार चरणों में चुनाव कराने का प्रस्ताव देंगे. निर्वाचन आयोग ने सोमवार को दिल्ली में
सभी राज्यों के सीइओ की बैठक बुलायी है. दो दिनों तक चलनेवाली बैठक में राज्यों की तैयारियों की समीक्षा की जायेगी. बिहार की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए चार चरणों में चुनाव कराना सहज होगा. बैठक में आयोग ने संवेदनशील जिलों, विधानसभा की सूची, राज्य में बूथ और संवेदनशील बूथों की जानकारी मांगी गयी है. बिहार में 59807 मुख्य बूथ हैं, जबकि 1911 सहायक बूथ बनाये गये हैं. एक बूथ पर 1600 से अधिक मतदाता की संख्या होने पर सहायक बूथ बनाने की आवश्यकता होती है.