गया/बोधगया : बोधगया थाने के दोमुहान के पास रहनेवाले रामप्रकाश पांडेय की दो बेटियों की नृशंस हत्या के विरोध में रविवार की सुबह परिजन समेत सैकड़ों लोग सड़क पर उतर गये. परिजन इस मामले में पुलिस द्वारा दर्ज करायी गयी एफआइआर की कॉपी उपलब्ध कराने की मांग कर रहे थे. लेकिन, पुलिस एफआइआर की कॉपी देने में आनाकानी कर रही थी.
पुलिस पदाधिकारियों व परिजनों के बीच करीब साढ़े 12 बजे तक एफआइआर की कॉपी को लेकर ड्रामा होता रहा. अंत में पुलिस पदाधिकारियों के रवैये को देख कर मजबूरन परिजनों ने शिवानी व साक्षी के शवों को दोमुहान के पास रख कर गया-डोभी मुख्य मार्ग जाम कर दिया. उग्र युवकों ने डोभी और गया शहर की ओर से आ रहे वाहनों को जबरन रोका और बीच सड़क पर खड़े कर दिये.
वहां लगे बैनर व पोस्टर को फाड़ कर उनमें आग लगा दी. पुलिस चेकपोस्ट को पलट दिया. कुछ मोटरसाइकिल सवारों की पिटाई भी की. इस बीच, बोधगया की ओर से सब-इंस्पेक्टर अलका सोनी की स्कॉट में आ रहे एक विशिष्ट अतिथि के वाहन को भी रोक दिया व पुलिस जीप पर चढ़ कर नारेबाजी करने लगे. सब-इंस्पेक्टर ने विशिष्ट अतिथि के बारे में परिचय भी दिया, लेकिन युवकों ने उन्हें आगे बढ़ने से रोके रखा.
स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए सब-इंस्पेक्टर ने विशिष्ट अतिथि का वाहन वापस बोधगया की ओर लौटा लिया. लाठी-डंडे से लैस उग्र युवकों ने उस राह से गुजर रहे वाहन सवारों को खदेड़ दिया. पुलिसवाले मूकदर्शक बने रहे.
घटना की जानकारी पाते ही सिटी डीएसपी आलोक कुमार सिंह, डीएसपी सतीश कुमार, शेरघाटी डीएसपी अजय कुमार सिंह, इंस्पेक्टर नरेश प्रसाद, सब-इंस्पेक्टर टीएन तिवारी, चंदौती थानाध्यक्ष राजीव रंजन सिंह, मुफस्सिल इंस्पेक्टर सोना प्रसाद सिंह, शेरघाटी इंस्पेक्टर राजकुमार तिवारी, महिला थानाध्यक्ष कुंती कुमारी, एसआइ मधुसूदन कुमार सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी जाम स्थल पर पहुंचे और उग्र परिजनों को शांत कराने का प्रयास किया. लेकिन, परिजन एफआइआर की कॉपी की मांग पर अड़े रहे.
इस बीच, वहां डेल्टा होटल के मालिक संजय सिंह, पूर्व सांसद रामजी मांझी, मुखिया सिद्धेश्वर प्रसाद यादव सहित अन्य जनप्रतिनिधि पहुंचे और परिजनों को समझाया. इसके बाद सिटी डीएसपी ने परिजनों को एफआरआइ की कॉपी परिजनों को दी, तब मामला शांत हुआ. सिटी डीएसपी ने दोनों शवों को पुलिस जीप से विष्णुपद मंदिर स्थित श्मशान घाट पर भेज दिया. देर शाम तक दाह-संस्कार कर दिया गया.