पटना: राजधानी के पत्रकार नगर थाना क्षेत्र से नाबालिग लड़की के अपहरण मामले को सुलझाने में पटना उच्च न्यायालय का एक खंडपीठ गुरुवार को पूरे दिन व्यस्त रहा. न्यायाधीश वीएन सिन्हा और ए अमानुल्लाह के खंडपीठ में जालंधर से पहुंची अपहृत युवती के मामले की साढ़े 10 बजे से सुनवाई शुरू हुई, जो शाम चार बजे तक चली, लेकिन कोई फैसला नहीं हो सका.
इसके बाद कोर्ट ने लड़की को आदेश दिया कि वह गुरुवार रात अपने माता-पिता के साथ गुजारे. अब मामले की सुनवाई शुक्रवार को होगी. युवती अपने कथित पति की मामी और मौसी के साथ कोर्ट आयी थी.
मामले को सुलझाने में कुछ ऐसे व्यस्त रहा खंडपीठ
समय 10.30 बजे
कोर्ट संख्या 11. न्यायाधीश वीएन सिन्हा और ए अमानुल्लाह के खंडपीठ में अपहृत लड़की कुछ महिलाओं के साथ कोर्ट पहुंची. इस समय कोर्ट में उसके माता-पिता भी उपस्थित थे. कोर्ट ने पूछा कि तुम किसके साथ आयी हो और अपने माता-पिता के साथ रहना चाहती हो. इस पर लड़की ने कहा कि वह अपने पति के साथ रहना चाहती है. उसने यह भी बताया कि वह अपने पति के रिश्तेदारों के ेसाथ कोर्ट आयी है. न्यायाधीश ने लड़की से पूछा इतने दिन तुम कहां थी. किसने तुम्हारा अपहरण किया था. इस पर लड़की ने कहा उसने विकास नाम के लड़के से विवाह कर लिया है. अब वह सिर्फ अपने पति के साथ रहना चाहती है. कोर्ट लगातार उसे समझाता रहा कि तुम पहले अपने अभिभावक से मिल लो. लड़की तैयार नहीं हुई. कोर्ट ने न्यायिक कार्य स्थगित कर लड़की को एक अलग कक्ष में अपने अभिभावक से बात करने को कहा, लेकिन लड़की राजी नहीं हुई.
12.30 बजे
दूसरी बार जब खंडपीठ बैठी, तो लड़की भी पेश हुई. लड़की के अभिभावक के वकील ने कोर्ट को बताया कि लड़की सहमी हुई है और वह अपने माता-पिता से नहीं मिली. इस पर कोर्ट ने फिर लड़की से कहा कि तुम डरो नहीं. सब कुछ बताओ. न्यायाधीशों ने इसके लिए अपने कक्ष की जगह निर्धारित की. इस दौरान न्यायिक कार्य स्थगित रहे. कक्ष में लड़की को भेजने की कोशिश की गयी, लेकिन वह तैयार नहीं हुई. उसके माता-पिता भी यह कह कर मनाने की कोशिश करते रहे कि तुम डरो नहीं, सब कुछ बताओ.
3.30 बजे
कोर्ट ने फिर लड़की से उसके अपहरण से संबंधित बयान देने का आग्रह किया, लेकिन लड़की यही कहते रही कि उसने जालंधर में विवाह कर लिया है. अंत में लड़की के माता-पिता से अकेले मिलने को राजी नहीं होने की स्थिति में कोर्ट ने उसे निर्देश दिया कि गुरुवार की रात वह अपने घर मां-बाप के ही साथ रहे. इस दौरान मां-बाप यह जानने की कोशिश करेंगे कि लड़की किसी से डर तो नहीं रही है. करीब चार बजे कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को भी करने का निर्देश दिया और लड़की को पुलिस की सुरक्षा में उसके घर भेजा गया.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने लड़की को निर्देश दिया कि गुरुवार रात को जब वह अपने मां-बाप के साथ रहेगी, तब वह केवल पटना के सीनियर एसपी के अतिरिक्त किसी अन्य से फोन पर बात नहीं करेगी. खंडपीठ ने सीनियर एसपी मनु महराज को 24 घंटे तक अपना मोबाइल ऑन रखने का निर्देश दिया, ताकि कोई अनहोनी होने की स्थिति में तुरंत उनसे संपर्क किया जा सके.
निलंबित आइओ ने धमकाया, जांच का आदेश
सुनवाई के दौरान ही इस केस में सुस्ती बरतने के आरोप में निलंबित अनुसंधान अधिकारी इंदू कुमारी कोर्ट पहुंची और लड़की के अभिभावक की ओर से बहस कर रहे वकील को देख लेने और दूसरे मुकदमों में फंसाने की धमकी भी दी. कोर्ट को जब इस बात की सूचना मिली, तो सीनियर एसपी को दोबारा तलब किया. कोर्ट ने सीनियर एसपी से पूछा कि बिना किसी निर्देश के कनीय पुलिस अधिकारी कैसे कोर्ट पहुंची है. कोर्ट ने 24 घंटे के भीतर बिना सुरक्षा प्रवेश पत्र के कोर्ट तक पहुंचने की जांच और इंदू कुमारी पर कार्रवाई का निर्देश दिया. कोर्ट ने परिसर में हुई सुरक्षा चूक की भी जांच कर शुक्रवार को रिपोर्ट सौंपने को कहा है.
क्या है मामला
नवंबर, 2012 में पत्रकार
नगर थाना क्षेत्र में एक नाबालिग लड़की के अपहरण का
मामला दर्ज हुआ. लड़की के पिता सेना में कार्यरत हैं.
लड़की की मां ने थाने में मुहल्ले के दो लड़के विकास कुमार और रवि प्रकाश पर अपहरण करने का आरोप लगाया. लड़की की मां का आरोप है कि जब भी थाने में इस मामले की जानकारी लेने पहुंचती और कहती कि लड़की नाबालिग है, तो थानेदार ने कहा लड़की जिस दिन बालिग या गर्भवती हो जायेगी उस दिन पेश कर देंगे. 25 दिसंबर, 2013 को
लड़की की आयु 18 वर्ष हो गयी. वह अचानक जालंधर के कोर्ट में पेश हुई और उसने विवाह कर लिया. इसकी सूचना दो दिन बाद पत्रकार नगर के थानेदार ने पटना की अदालत को दी.