सीएम लगे हैं राज्य को 24 घंटे बिजली देने की कोशिश में, विभाग कर रहे आपस में खींचतान
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक तरफ 2015 के पहले हर घर को बिजली न मिलने पर दुबारा वोट मांगने नहीं आने की बात कहते हैं वहीं बिजली बिल को लेकर गृह व ऊर्जा विभाग में तकरार की स्थिति है. यह स्थिति तब है जब मुख्य सचिव स्वयं बिजली बिल के बकाये के लिए कमान थामे हुए हैं. महीना में दो दिन सिर्फ राजस्व वसूली की समीक्षा होती है.
आम जनता से बकाये बिल की वसूली के लिए गिरफ्तारी व कनेक्शन काटने तक की कार्रवाई करती है, लेकिन जब विभागों पर बकाये बिजली बिल की वसूली की बात आती है तब ऊपर से लेकर नीचे तक चुप्पी साध ली जाती है. मामला गृह विभाग के अधीन पुलिस लाइन व जेलों पर बकाये बिजली बिल के भुगतान का है. दोनों विभाग आमने-सामने हैं.
नहीं है कोई बकाया: गृह सचिव
मुख्य सचिव की वीडियो कांफ्रेंसिग में गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी ने कहा था कि दिसंबर तक उनके विभाग के किसी कार्यालय पर कोई बिजली बिल बकाया नहीं है. बिल के भुगतान को लेकर सभी कार्यालयों को मांग के अनुरूप राशि उपलब्ध करा दी गयी है. अब किसी कार्यालय से डिमांड नहीं आया है.
बकाये की सूची संलग्न, भुगतान कराएं: पौंडरिक
इधर ऊर्जा विभाग के सचिव व साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के एमडी संदीप पौंडरिक ने जिलावार व प्रमंडलवार बिजली बिल के बकाये की सूची गृह विभाग के प्रधान सचिव को भेजते हुए कहा कि जिलों व प्रमंडल में 5 करोड़ 33 लाख रुपये का भुगतान कराएं. इसके बाद बिजली बिल से संबंधित फाइलों को खंगाला जा रहा है. बकाये बिजली बिल के भुगतान का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी इस तरह की घटना घट चुकी है.
तीन माह पूर्व मंत्रियों के बंगले पर के बकाये साढ़े पांच करोड़ रुपये के भुगतान के लिए भी ऊर्जा विभाग को चिट्ठी लिखनी पड़ी थी. मामला सार्वजनिक होने के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय ने विभागों को राशि आवंटित किया था.