पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा के लोगों पर दिन में सपना देखने, अपनी बनायी दुनिया में जीने का आरोप लगाते हुए आज दावा किया कि तथा कहीं उनकी लहर नहीं है.
बिहार को विशष राज्य का दर्जा दिलाने के लिये गोपालगंज जिला में आज आयोजित संकल्प रैली को संबोधित करते हुये नीतीश ने भाजपा के लोगों पर दिन में सपना देखने और अपनी बनायी दुनिया में जीने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि कहीं उनकी हवा नहीं है. नीतीश ने कहा कि उन्होंने जोखिम उठाया लेकिन सिद्धांत के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे. बिहार के धर्मनिरपेक्ष और न्याय के साथ विकास के एजेंडों पर काम किया है.
उन्होंने कहा कि 17 साल पहले जब हमने भाजपा के साथ समझौता किया था तो यह तय किया था कि न तो विवादित मुद्दों को सामने लाया जायेगा न ही विवादित व्यक्ति को सामने किया जायेगा. धारा 370 में कोई बदलाव नही होगा, अयोध्या मसले का समाधान अदालत के फैसले से होगा या आपसी समझौते से होगा. नीतीश ने कहा कि देश बहुभाषी और बहुधर्मी है. इस देश को एक रखना है सबको साथ रखना होगा, सबकी इज्जत करनी होगी, किसी के भावना को ठेस नहीं पहुंचाना होगा, समावेशी विकास और न्याय के साथ सबके विकास का नजरिया रखना होगा.
नरेन्द्र मोदी को चुनाव अभियान समिति का प्रमुख बनाये जाने पर उनकी धर्मनिरपेक्ष छवि पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुये उनका विरोध करने वाले जदयू के भाजपा से अलग होने पर उसके द्वारा नीतीश पर विश्वासघात करने का आरोप लगाये जाने पर उन्होंने कहा कि विश्वासघात उन्होंने नहीं किया है भाजपा ने किया है.
नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘हम तो अपने सिद्धांत पर अडिग है. मेरा अटूट विश्वास धर्मनिरपेक्षता में है. गुजरात वर्ष 2002 का दंगा में जो कुछ हुआ था, उसे न तो भुलाया जा सकता है और न ही इसके लिये माफी दी जा सकती है.’’ उन्होंने कहा कि जदयू ने कह दिया था कि देश का वातावरण कांग्रेस के खिलाफ है. कांग्रेस शासन में बढ रहे भ्रष्टाचार और महंगायी के खिलाफ जनाक्रोश है. कांग्रेस विरोधी तमाम पार्टियों ने भी दो दो बार महंगायी और भ्रष्टाचार के विरुद्ध भारत बंद का सफल आयोजन किया.
नीतीश ने कहा कि देश में कांग्रेस के खिलाफ वातावरण बना हुआ था, आज भी है. भाजपा के मन में लालच हो गया और उन्हें इस माहौल का अकेला लाभ लेने की चाहत होने लगी. भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी की ओर इशारा करते हुये नीतीश ने कहा कि हमने शुरु में कह दिया है कि देश का प्रधानमंत्री ऐसा होना चाहिये जिसके पास विकास का नजरिया हो और पिछले लोगों को आगे बढाने का नजरिया रखता हो, समावेशी विकास कर सकता हो.
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार रहे या न रहे, हम सिद्धांत और उसुलों से समझौता नहीं कर सकते. दूसरों को खुश करने के लिये अपने जमीर को धोखा नहीं दे कते है.