।। मोइन आजाद ।।
पुरातत्व निदेशालय करा रहा खुदाई, बुद्ध से जुड़ी कई अन्य चीजें भी मिलीं
पटना : नालंदा जिले के एकंगरसराय प्रखंड के तेलहारा गांव में एक महाविहार (बुद्धिस्ट विश्वविद्यालय) के अवशेष मिले हैं. वहां कला-संस्कृति एवं युवा विभाग के पुरातत्व निदेशालय द्वारा उत्खनन कराया जा रहा है.
खुदाई में मिट्टी की मोहरें व फास्टिंग बुद्धा की एक सिलिंग प्राप्त हुई है. पुरातत्वविदों का मानना है कि फास्टिंग बद्धा की यह सिलिंग काफी दुर्लभ है, जो कहीं जल्दी नहीं मिलती. फास्टिंग बुद्धा के आसन में इससे पहले एक मूर्ति मिली थी, जो फिलहाल पाकिस्तान के म्यूजियम में रखी हुई है. यहां उत्खनन कार्य लगभग 10 साल तक चलाया जायेगा. यहां कई और चीजें मिलने की संभावना है.
चार साल से खुदाई
पुरातत्व निदेशालय के निदेशक अतुल कुमार वर्मा के निर्देशन में तेलहारा गांव में 26 दिसंबर, 2009 से उत्खनन का कार्य चार सत्रों में चल रहा है. उत्खनन के दौरान पता चला कि गुप्त काल (5वीं शताब्दी) से पाल काल (12वीं शताब्दी) तक यहां एक महाविहार हुआ करता था, जिसे बख्तियार खिलजी द्वारा 12वीं शताब्दी में ही जला दिया गया था. इस जले अवशेष का साक्ष्य अब खुदाई में दिख रहा है.
सातवीं शताब्दी में आये चाइनीज यात्री ह्वेनसांग व इत्सिंग द्वारा बताया गया था कि इस स्थल पर ये तिलाधक महाविहार एक बहुत ही खूबसूरत महाविहार था. इसे सुसज्जित किया गया था और छोटी-छोटी घंटियां लगायी गयी थीं, जो हवा चलने पर एक साथ बजती थी. यात्री द्वारा यह भी बताया गया था कि यहां तीन मंदिर भी थे. इन सभी चीजों के अवशेष अब मिल रहे हैं.