पटना: बिहार में भाजपा की कब्जेवाली 12 लोकसभा सीटों में आठ पर फेरबदल करने के लिए पार्टी पर दबाव बन सकता है. जिन 28 सीटों पर भाजपा के सांसद नहीं हैं, उससे कहीं अधिक दावेदार भाजपा की सीटिंग सीटों पर उभर रहे हैं. हालांकि खुल कर कोई दावेदारी करने सामने नहीं आ रहा है.
भागलपुर लोकसभा सीट से पूर्व मंत्री अश्विनी चौबे के चुनाव लड़ने की चर्चा है. फिलवक्त वे भागलपुर के विधायक हैं. पटना साहिब सीट से बिहारी बाबू यानी शत्रुघ्न सिन्हा का पुन: चुनाव मैदान में उतरना तय है, किंतु इस सीट से राज्यसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता रविशंकर प्रसाद और बिहार भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुशील मोदी के चुनाव लड़ने की चर्चा का बाजार गरम है.
भोला सिंह नवादा से सांसद हैं. चर्चा है कि वे इस बार अपना क्षेत्र बदलना चाहते हैं. वे बेगूसराय से चुनाव लड़ सकते हैं. हालांकि, इस सीट से पूर्व मंत्री गिरिराज सिंह के भी चुनाव लड़ने की चर्चा है. नवादा से भाजपा के प्रदेश महामंत्री सुधीर शर्मा, विधायक अनिल सिंह और विधान पार्षद विवेक ठाकुर भी चुनाव लड़ना चाहते हैं. गया के सांसद हरिमांझी प्रश्न पूछने संबंधी स्टिंग ऑपरेशन को लेकर विवादों में हैं. संभव है, इस बार उन्हें गया से मैदान में न उतारा जाये. यदि उनका पत्ता साफ हुआ, तो विधायक श्यामदेव पासवान, विनय पासवान और शोभा सिन्हा में से किसी एक की लॉटरी खुल सकती है.
बेतिया सीट से संजय जायसवाल का पुन: चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है, किंतु इस सीट से विधान पार्षद लालबाबू प्रसाद की दावेदारी चर्चा में है. मधुबनी से हुकुमदेव नारायण यादव का टिकट किसी कारण से यदि कटा, तो विधायक विनोद नारायण झा, रामदेव महतो, पूर्व विधान पार्षद बालेश्वर भारती और मृत्युंजय झा में से कोई एक को टिकट मिल सकता है. अररिया से प्रदीप सिंह के स्थान पर पूर्व विधान पार्षद राजेंद्र गुप्ता और विधायक पद्म पराग वेणु में से किसी एक को जगह मिल सकती है. कटिहार सीट से निखिल चौधरी को इधर-उधर करने की कोई चर्चा नहीं है, किंतु यहां से दो विधायक तारकिशोर चौधरी और विभाष चौधरी की दावेदारी सुर्खियों में है.