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आपदा प्रबंधन पर समझौता नहीं : सीएम

राजगीर/पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिल्डिंग बायलॉज में जितने सुधार की जरूरत होगी, किया जायेगा. मतभेदों को दूर करने के लिए विभागीय सचिव के स्तर पर पुन: बैठक होगी. लेकिन, आपदा प्रबंधन को लेकर बायलॉज में किसी तरह का समझौता नहीं किया जायेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि एक ही बायलॉज पूरे प्रदेश […]

राजगीर/पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिल्डिंग बायलॉज में जितने सुधार की जरूरत होगी, किया जायेगा. मतभेदों को दूर करने के लिए विभागीय सचिव के स्तर पर पुन: बैठक होगी. लेकिन, आपदा प्रबंधन को लेकर बायलॉज में किसी तरह का समझौता नहीं किया जायेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि एक ही बायलॉज पूरे प्रदेश के लिए पर्याप्त नहीं हो सकता. वह सोमवार को राजगीर के अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में उद्यमी पंचायत में निर्माण क्षेत्र के उद्यमियों को संबोधित कर रहे थे.

मुख्यमंत्री कहा, विभिन्न स्तरों पर बिल्डरों के सुझाव जानने और सुनने के बाद राज्य सरकार वैसे भवनों के निर्माण पर जोर देगी, जो प्राकृतिक आपदाओं से निबटने में सक्षम हो. जन सुविधाओं के मानकों का अनुपालन भवन निर्माण के दौरान किया जाना जरूरी है. कैबिनेट स्तर पर इसे ले जाने से पहले इसके हर पहलू और सुझाव पर विचार किया जायेगा. उन्होंने जरूरत के अनुसार अलग-अलग क्षेत्रों को ध्यान में रख कर बायलॉज बनाने का निर्देश दिया.

मुख्यमंत्री ने गुजरात के भुज में आये भूकंप की भी चर्चा की और कहा कि मकान ऐसा बनें कि जहां पर आसानी से आपदा के समय बचाव कार्य किया जा सके. विशेषज्ञों ने बताया है कि यदि 6.7 रिक्टर स्केल पर पटना में भूकंप आता है, तो भारी तबाही होगी. भूकंप के कारण कोई नहीं मरता, मगर भूकंप के कारण मकानों के गिरने से मलबे में दब कर लोग मरते हैं. जापान में भी भूकंप आता है, मगर वहां मौत नहीं होती. इसका कारण है कि वहां पर भूकंपरोधी मकान बनाये जाते हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा, राज्य में कृषि क्षेत्र के बाद निर्माण क्षेत्र में सबसे अधिक संभावनाएं हैं. बिल्डर इसका लाभ उठाएं. नये शहर बनाएं, सिटी बिल्डर बनें. इस रास्ते में आनेवाली समस्याओं का निराकरण सभी के सहयोग से होगा. अरबन टाउन प्लानिंग एक्ट बन चुका है है. मोकामा में प्राइवेट इंडस्ट्रियल स्टेट बन रहा है. हम कंस्ट्रक्शन सेक्टर को आगे बढ़ते देखना चाहते हैं.

उद्यमी पंचायत में स्टोन चिप्स की कमी पर भी चर्चा हुई. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जो पहाड़ ऐतिहासिक, पुरातात्विक या पर्यावरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण नहीं हैं, उन्हें चिह्न्ति किया जाये. इसके लिए वन एवं पर्यावरण विभाग के सचिव कार्य कर रहे हैं. चिह्न्ति होने के बाद ही इस पर निर्णय लिया जायेगा. बिल्डरों की मांग पर पटना मास्टर प्लान और मेट्रोपोलिटन एरिया को सर्वाजनिक किया जायेगा. एमवीआर के मामले में मुख्यमंत्री ने निबंधन मंत्री बिजेंद्र यादव को विचार करने को कहा.

सीएम के सुझाव

नयी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करें

सड़कों की चौड़ाई पर विशेष ध्यान दें

जन सुविधाओं के मानकों का अनुपालन हो

आपदा से निबटनेवाली बिल्डिंग बनें

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