पटना: प्रारंभिक शिक्षक नियोजन नियमावली के संशोधित होने से अभ्यर्थियों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. न तो हर नियोजन केंद्र में जाकर आवेदन देने की जरूरत होगी और न ही हर जगह निकलनेवाली मेधा सूची का इंतजार करना होगा.
जिले में एक ही जगह आवेदन देना होगा और एक ही मेधा सूची जारी होगी. इसी मेधा सूची के अनुसार उन्हें पता चलेगा कि जिन दस नियोजन इकाइयों का उन्होंने विकल्प दिया था, उनमें से उनका चयन कहां के लिए हुआ है. हालांकि, एक अभ्यर्थी को कई जिलों में आवेदन करने की छूट रहेगी. पहले हर नियोजन इकाई के लिए अलग-अलग मेधा सूची और अलग-अलग नियुक्ति पत्र जारी किया जाता था.
कई नियोजन इकाई की मेधा सूची में एक ही अभ्यर्थी का नाम आ जाता था. ऐसे में वह अभ्यर्थी किसी एक ही जगह नियोजन कर पाता था, जिससे दूसरे नियोजन इकाई की सीट खाली रह जाती थी. इस सीट को भरने में नियोजन इकाई को फिर से मेधा सूची जारी करनी पड़ती थी, लेकिन दूसरी-तीसरी मेधा सूची जारी करने के बाद भी समस्या जस-की-तस रह जाती थी. इसके साथ-साथ नियोजन इकाई के जरिये नियुक्ति प्रक्रिया होने से कई पंचायतों में मुखिया की धांधली, पंचायत सेवक द्वारा आवेदन पत्र नहीं लेना, वेतन की राशि देने के लिए घूस की मांग जैसी बाते समाने आती थी, लेकिन जिला स्तर पर आवेदन देने पर ये समस्या नहीं रहेगी. शिक्षा विभाग भी मुखिया-पंचायत सेवकों की जगह सीधे अपने अधिकारियों प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारी से इसकी मॉनीटरिंग भी करा सकेगा. वेतन के लिए भी मुखिया-पंचायत सेवक के हस्ताक्षर की जरूरत नहीं होगी, ये सीधे उनके खाते में आ जायेगी.
संशोधित नियमावली के फायदे
अभ्यर्थी को 15-20 जगह आवेदन करने की जरूरत नहीं
आवेदन की संख्या होगी कम
त्नकई जिलों में भी आवेदन करने की रहेगी छूट
जिले भर में एक ही मेधा सूची होगी जारी
एक अभ्यर्थी को मिलेगा एक ही नियुक्ति पत्र
वेटिंग मेधा सूची की संख्या रहेगी कम
मुखिया और पंचायत सेवकों की नहीं चलेगी धांधली
सीधे खाता में आयेगी वेतन की राशि
नियोजन की शिक्षा विभाग के अधिकारी सीधे करेंगे मॉनीटरिंग