पटना: बोर्ड-निगमों के वैसे कर्मचारी जो काम के अभाव में बैठे हैं और उन्हें अनियमित वेतन मिल रहा है, उनके लिए सरकार ने सुकून वाला निर्णय लिया है. अब उन्हें वेतन व काम के लिए चिरौरी नहीं करनी पड़ेगी. इसका लाभ 29 बोर्ड-निगमों के लगभग 10 हजार कर्मियों को मिलेगा. सरकार ने उन्हें विभागों में प्रतिनियुक्त करने का फैसला लिया है. यह मामला वर्ष 2007 से लंबित था. पहले यह प्रावधान था कि बोर्ड-निगम के कर्मी केवल वित्त विभाग में प्रतिनियुक्त होंगे. लेकिन, अब सभी विभागों में उनकी प्रतिनियुक्ति होगी. यही नहीं, विधानमंडल, प्रमंडलीय कार्यालय, जिला स्तरीय कार्यालय व अनुमंडल स्तरीय कार्यालयों में भी प्रतिनियुक्ति हो सकेगी.
जारी होगा विज्ञापन
वित्त विभाग ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि प्रशासी विभाग राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के अधीनस्थ बोर्ड-निगमों के कार्यहित के कर्मियों के प्रतिनियोजन के लिए पदवार पात्रता व शर्तो का निर्धारण करते हु विज्ञापन जारी करेगा. प्राप्त आवेदनों में से योग्य आवेदकों को निर्धारित प्रक्रियानुसार चयनित कर उन्हें प्रतिनियुक्त किया जायेगा. चयन समिति का प्रमुख विभागों के प्रधान सचिव-सचिव को बनाया गया है.
क्या है नया प्रावधान
जो कर्मी प्रतिनियुक्त होंगे, उनकी आयु 55 वर्ष होनी चाहिए. सेवानिवृत्ति के छह माह पहले उनकी सेवा उनके पैतृक बोर्ड-निगम को लौटा दिया जायेगा. उन्हें वहीं वेतन व भत्ता मिलेगा, जो उनके पैतृक बोर्ड-निगम में मिलता था. विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि ग्रुप-डी के कर्मियों की प्रतिनियुक्ति के पहले वित्त विभाग से सहमति लेनी होगी. ग्रुप-सी में ऐसी बाध्यता नहीं है. उन्हें सिर्फ छह माह के अंदर कंप्यूटर टंकण का ज्ञान अजिर्त कर लेना होगा. प्रतिनियुक्त कर्मियों को सेवा में समायोजन का दावा करने का अधिकार नहीं रहेगा.