पटना : भाजपा विधानमंडल दलके नेता सुशील मोदी ने स्टोन चिप्स पर वैट की दर 12. 5 से घटा कर चार प्रतिशत किये जाने संबंधी त्रुटिपूर्ण अधिसूचना मामले की सीबीआइ जांच कराने की मांग की है. जांच में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तत्कालीन महाधिवक्ता पीके शाही की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए.
यह मांग रविवार को उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में की. उन्होंने कहा कि इस मामले में उन्हें आरोपी बनाने की साजिश की जा रही है. उन्होंने चुनौती दी कि सरकार में हिम्मत है, तो मामले की सीबीआइ जांच करा ले. वे किसी भी जांच से डरने वाले नहीं हैं.
राजस्व की हुई क्षति
वैट दर घटाने से राजस्व की क्षति हुई है. 10 जुलाई, 2007 को त्रुटिपूर्ण अधिसूचना को तत्कालीन महाधिवक्ता पीके शाही ने हरी झंडी दी थी. यही नहीं, 27 अगस्त, 2007 को मंत्रिमंडल सचिवालय ने भी अधिसूचना का अनुमोदन किया था. मुख्यमंत्री इस विभाग के मंत्री भी हैं.
11 सितंबर, 2007 को सीएम की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में इसे स्वीकृति दी गयी थी. संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय, प्रदेश महामंत्री प्रो. सूरज नंदन कुशवाहा, सुरेश रूंगटा और संजय मयूख भी मौजूद थे.
– त्रूटिपूर्ण अधिसूचना जारी करने पर पूर्व उपमुख्यमंत्री ने की सीबीआइ जांच की मांग
– मुझे जबरन फंसाने के लिए पांच मंत्रियों की समिति बनायी गयी, फिर भी कुछ हाथ नहीं आया
– मुख्यमंत्री व पूर्व महाधिवक्ता भी सीबीआइ जांच के दायरे में आएं
– मोदी ने भी माना, स्टोन चिप्स पर वैट की दर घटाये जाने से राजस्व की हुई क्षति