पटना: कन्वेंशन सेंटर निर्माण पर मगध महिला कॉलेज की छात्राओं के विरोध पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वे भी मगध महिला कॉलेज को जानते हैं. उन्होंने कहा कि कॉलेज की चौहद्दी व रास्ते से वे परिचित हैं.
जब उनकी शादी हुई थी, तब वे इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ते थे और उनकी धर्मपत्नी मगध महिला कॉलेज की छात्र थीं. शादी के बाद वे पत्नी से मिलने वहां जाया करते थे. ऐसे में बिना जानकारी लिये कोई कैसे कह सकता है कि कन्वेंशन सेंटर के बनने से कॉलेज के रास्ते में बदलाव होगा. उन्होंने कहा कॉलेज के रास्ते में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है. कॉलेज के दिनों की याद करते हुए कहा कि उनकी शादी बिना दहेज के हुई थी. तब पटना विवि के वीसी सचींद्र दत्त हुआ करते थे.
कुलपति ने ही शादी करायी थी और वे भी उस समय मौजूद थे. शादी में पंडित भी नहीं बुलाया था. उन्हीं दिनों इंजीनियरिंग कॉलेज में 67 दिनों का आंदोलन चलाया था. उन्होंने बताया कि कैसे बस को हाइजैक कर लिया था और दिन-रात उसकी हिफाजत करते थे. केदार पांडेय तब मुख्यमंत्री हुआ करते थे. उन्होंने कुलपति को बातचीत करने का निर्देश दिया. आंदोलन के मुद्दे पर जब कुलपति से बातचीत हुई तो उनके तर्क को कुलपति ने मान लिया. आंदोलन का नेतृत्व करने के दौरान मेरा मानना था कि किसी तरह की तोड़फोड़ नहीं होनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने चोखावाले पकौड़े नहीं मिलने की जांच की, तो पता चला कि वह मंगलवार से कैंटीन में बनेगा.
उन्होंने एक अधिकारी को निर्देश दिया कि श्रम विभाग से पूछे कि विधानसभा का कैंटीन चलेगा क्या. मुख्यमंत्री ने विधानसभा कैंटीन में बननेवाली गाजा मिठाई के वजन कम होने और शिकायत पर भी चर्चा की. कहा कि जब वे 1985 में विधायक थे, तो विधानसभा कैंटीन में अंगुली से भी पतला गाजा मिलता था. इसकी उन्होंने शिकायत की. जांच के बाद कार्रवाई भी हुई.