पटना: पटना एम्स के अस्पताल भवन का निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है. जिस कंपनी को निर्माण की जिम्मेवारी दी गयी थी, उसने शर्तो के अनुसार अस्पताल भवन को संस्थान को सौंपा नहीं है. इधर, केंद्र सरकार ने एम्स प्रशासन को पत्र भेजा है कि अगले साल जनवरी में राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री उद्घाटन करेंगे. एम्स के उद्घाटन को लेकर स्वास्थ्य मंत्रलय ने दो उच्च पदस्थ पदाधिकारियों को मॉनीटरिंग की जिम्मेवारी सौंप दी है.
अस्पताल भवन का निर्माण करानेवाली कंपनी को 31 जुलाई, 2013 तक पहले चरण का निर्माण कार्य पूरा था. 930 बेड़ों के एम्स में पहले चरण में 300 बेडों का कमरा तैयार करना था. इनडोर के लिए न्यूनतम 172 बेड होने पर भी मरीजों के भरती करने का काम शुरू हो जायेगा. निर्माण एजेंसी ने ओपीडी, आयुष व पीएमआर विभाग के साथ दो फ्लोर तैयार करने का आश्वासन दिया था.
आयुष व पीएमआर के भवन का निर्माण भी आधा-अधूरा मिला है. जानकारों के अनुसार एम्स में मरीजों को भरती करने लिए निर्माण कार्य तेज गति से भी आरंभ भी किया जाये, तो इसमें छह माह से अधिक समय लग जायेगा. भवन की फिनिशिंग, बिजली की कनेक्शन, बेड़ों की साज-सज्जा, पैथोलॉजिकल व रेडियोलॉजिकल उपकरणों की स्थापना करना शेष है.
अब तक जो भी कमरे दिये गये हैं, वे आधे-अधूरे हैं. इन्हीं कमरों में 10 विभागों की ओपीडी सेवा शुरू कर दी गयी है. 31 जुलाई तक पूरा किये जानेवाले कार्यो को भी अब तक पूरा नहीं किया गया है. संस्थान के निदेशक डॉ जीके सिंह का कहना है कि जितना कार्य अभी आरंभ हो चुका है, उद्घाटन कराने के लिए कम नहीं है. हालांकि, वह यह भी स्वीकार करते हैं कि एम्स और एम्स का प्रोजेक्ट दो अलग-अलग हिस्सा है. प्रोजेक्ट के काम से उनका कोई लेना-देना नहीं है. शैक्षणिक व मरीजों का इलाज उनकी प्राथमिकता है. जैसे-जैसे संरचना का विकास होगा व चिकित्सकों-कर्मचारियों की नियुक्ति होगी, सेवाओं में विस्तार होता जायेगा.