पटना: अब गांधी मैदान व श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल का प्रबंधन सरकार द्वारा गठित सोसायटी करेगी. सुरक्षा की जिम्मेवारी निजी सुरक्षा एजेंसी को दी जायेगी. सभी प्रवेश द्वारों पर वाच टावर बनाया जायेगा. चहारदीवारी की ऊंचाई को बढ़ाया जायेगा. इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार करने के लिए भवन निर्माण विभाग को कहा गया है. मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद साल के अंत तक नयी व्यवस्था लागू की जायेगी. गुरुवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया.
प्रमंडलीय आयुक्त होंगे अध्यक्ष : मुख्य सचिव ने बताया कि महत्वपूर्ण समारोह के पहले वहां प्रवेश निषेध कर दिया जायेगा. सुबह टहलनेवालों पर भी रोक रहेगी. समारोह खत्म होने के बाद ही प्रवेश की इजाजत दी जायेगी. गांधी मैदान के बेहतर प्रबंधन और सौंदर्यीकरण के लिए प्रमंडलीय आयुक्त की अध्यक्षता में सोसायटी बनेगी. इसके उपाध्यक्ष पटना के डीएम, नगर निगम के आयुक्त, वन प्रमंडल पदाधिकारी व एसएसपी सदस्य होंगे. मैदान में होनेवाले समारोह के 36 घंटे पहले से पुलिस बल निगरानी रखेगा. सीसीटीवी कैमरे की मॉनीटरिंग जिला नियंत्रण कक्ष करेगा. गौरतलब है कि गांधी में हुए सीरियल बम ब्लास्ट के बाद केंद्रीय गृह मंत्रलय ने सुरक्षा को लेकर कई गंभीर सवाल उठाये थे.
बैठक में गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी, भवन निर्माण विभाग के सचिव चंचल कुमार, स्पेशल ब्रांच के एडीजी राजेश चंद्रा, पटना प्रमंडल के आयुक्त इएसएलएन बाला प्रसाद, जोनल आइजी एसके खोपड़े, डीएम एन सरवन कुमार, एसएसपी मनु महाराज आदि मौजूद थे.
इम्तियाज को सीने में दर्द पीएमसीएच में भरती
बम ब्लास्ट में पकड़े गये आतंकी इम्तियाज को सीने में दर्द और सांस की तकलीफ के बाद गुरुवार को पीएमसीएच में देर शाम भरती कराया गया. इसके बाद पीएमसीएच की सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है. सुरक्षा के लिए बिहार पुलिस के आधा दर्जन अधिकारियों के साथ बीएमपी के जवान तैनात थे. इम्तियाज को मेडिकल इमरजेंसी में डॉ विभू प्रियदर्शी की यूनिट में भरती कराया गया है. डॉक्टरों ने आतंकी इतियाज को अन्य मरीजों से अलग रख आधे-आधे घंटे पर दवाओं के कई डोज दिये. सुरक्षा को देखते हुए बिहार पुलिस ने आतंकी को काले रंग के कंबल से पूरी तरह कवर कर पीएमसीएच लाया. पीएमसीएच के गेट पर सुरक्षा बढ़ा दी गयी है.
एनआइए ने डीजीपी से मांगी कार्रवाई रिपोर्ट
एनआइए ने बम ब्लास्ट के मामले में बिहार पुलिस द्वारा अब तक की गयी जांच व कार्रवाई के तरीकों की जानकारी मांगी है. कोर्ट में आतंकियों की पेशी व रिमांड के दौरान कागजात पेश करने के पहले एनआइए पूरी तरह से आश्वस्त होना चाहती है. सूत्रों के अनुसार एनआइए के आइजी संजीव कुमार सिंह व एसपी विकास वैभव ने डीजीपी अभयानंद से मुलाकात की थी. इस दौरान पटना जंकशन पर हुए विस्फोट के तत्काल बाद की गयी कार्रवाई को लेकर उन्होंने विस्तृत जानकारी देने को कहा है. बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर में सोने का गुंबद बनाये जाने के बाद वहां की सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाने को लेकर भी बिहार पुलिस के साथ एनआइए के अधिकारियों ने चर्चा की.
पुलिस सूत्रों के अनुसार केंद्रीय गृहमंत्रालयद्वारा महाबोधि मंदिर की सुरक्षा को लेकर वहां हुए सीरियल बम ब्लास्ट की तहकीकात में जुटी एजेंसी को नजर रखने के निर्देश दिये गये हैं.
झारखंड पुलिस द्वारा कानूनी प्रक्रिया के पालन में हुई चूक : प्राप्त जानकारी के अनुसार पटना सीरियल बम ब्लास्ट के दौरान बिहार पुलिस के अनुरोध पर झारखंड पुलिस द्वारा रांची में आतंकियों के विभिन्न ठिकानों पर 27 अक्तूबर को की गयी छापेमारी की कार्रवाई के दौरान कानूनी प्रक्रियाओं के पालन में चूक को लेकर एनआइए के अधिकारी हतप्रभ हैं. दरअसल, छापेमारी के दौरान जब्त किये गये आपत्तिजनक दस्तावेज, विस्फोटक व अन्य सामान की सूची तत्काल तैयार नहीं की गयी थी. न ही उसे संबंधित कोर्ट में पेश किया गया था. हालांकि बाद में हुई छापेमारी में इस प्रक्रिया का पालन किया गया.