पटना: एसएफसी का चावल कालाबाजारियों तक पहुंच रहा है. इसका खुलासा उस समय हुआ, जब पुलिस ने दीघा थाना क्षेत्र के पोलसन रोड में एक गोदाम में छापेमारी की. गोदाम से 50 किलो चावल के पांच हजार बोरे बरामद किये गये. हालांकि, इसका मालिक मनोज कुमार फरार होने में सफल रहा. दीघा थाने में मनोज व गोदाम मालिक महेंद्र कुमार अग्रवाल (बोरिंग रोड) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. मनोज कुमार ने महेंद्र कुमार अग्रवाल से गोदाम को किराये पर लिया था.
पुलिस ने कैसे पकड़ा
एसएसपी मनु महाराज को गुप्त जानकारी मिली कि बिना लाइसेंस के पोलसन रोड स्थित गोदाम में चावल का भंडारण किया जा रहा है. इस सूचना पर सिटी एसपी जयंत कांत के नेतृत्व में पुलिस उपाधीक्षक (विधि व्यवस्था) ममता कल्याणी व दीघा पुलिस ने छापेमारी की और सारा चावल बरामद कर लिया.
पहले भी पकड़े जा चुके हैंपहले भी कई गोदामों का खुलासा किया जा चुका है, जिसमें इस बात की जानकारी पुलिस को मिल गयी थी कि गरीबों का चावल कालाबाजारियों तक पहुंच रहा है. इन मामलों में भी विभागीय कर्मियों पर शक की सूई गयी थी, लेकिन कोई पकड़ा नहीं गया.
कुछ पर था राइस मिल का टैग
बरामद कुछ चावल के बोरों में कुछ राइस मिल का भी टैग था, जिसके कारण यह संभावना जतायी जा रही है कि एसएफसी से प्राप्त चावल को राइस मिल भेजा जाता है और उनकी सफाई व पॉलिश कर उस राइस मिल का टैग लगा कर बाजार में भेजे जाने का धंधा भी चल रहा है, जिसके कारण यह स्पष्ट है कि वे राइस मिल भी इस गोरखधंधे में शामिल हैं. एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि इस मामले में फरार लोगों को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की जा रही है. गिरफ्तार करने के बाद इस धंधे में शामिल लोगों के नेटवर्क की जानकारी ली जायेगी.
शक के घेरे में एसएफसी कर्मी
इस चावल के बरामद होने के बाद सीधे तौर पर एसएफसी के कर्मियों पर शक की सूई जा रही है. इन लोगों की मिलीभगत के बिना वहां से चावल उठाना संभव नहीं है. इसके कारण यह माना जा रहा है कि गरीबों के लिए रखा अनाज कम कीमत में कालाबाजारियों तक पहुंच रहा है और केवल बोरा बदल कर उसकी कीमत अधिक कर बाजार तक पहुंचाया जा रहा है. इसके लिए एक बड़ा नेटवर्क भी काम कर रहा है, जो एसएफसी से चावल को गोदाम तक और वहां से बाजार और दूसरे राज्यों में पहुंचाने का काम कर रहे हैं.