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धान के बीज वितरण में 8.50 लाख का घपला

गोपालगंज खरीफ फसल के लिए कुचायकोट में बांटे गये हाइब्रीड धान के बीज के अनुदान में फर्जीवाड़ा कर 8.50 लाख रुपये का घोटाला किया गया. घोटाला सामने आते ही कृषि विभाग के अधिकारियों के हाथ-पांव फूलने लगे हैं. डीएम कृष्ण मोहन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कृषि विभाग के निदेशक को तत्काल […]

गोपालगंज

खरीफ फसल के लिए कुचायकोट में बांटे गये हाइब्रीड धान के बीज के अनुदान में फर्जीवाड़ा कर 8.50 लाख रुपये का घोटाला किया गया. घोटाला सामने आते ही कृषि विभाग के अधिकारियों के हाथ-पांव फूलने लगे हैं. डीएम कृष्ण मोहन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कृषि विभाग के निदेशक को तत्काल प्रभाव से जांच कमेटी बना कर मामले की जांच कराने को कहा है. अगर जांच हुई तो कुचायकोट के बीएओ समेत कई किसान सलाहकारों पर कार्रवाई तय है. कुचायकोट में हाइब्रीड बीज वितरण के दौरान महज चार दिन में कुचायकोट प्रखंड में 76 लाख का हाइब्रीड बीज का वितरण कर दिया गया था. तत्काल डीएओ सुधीर कुमार वाजपेयी ने कुचायकोट के लिए लगभग 50 लाख रुपये का अनुदान बीएओ के नाम जारी किया. वितरण के दौरान कुचायकोट के बीएओ ने 76 लाख के अनुदान का वितरण कर दिया.

कैसे हुआ मामले का भंडाफोड़ : कुचायकोट में बीज वितरण में लगायी गयी बीज विक्रेताओं की रिपोर्ट जब कृषि विभाग में आयी तो कृषि विभाग ने बीएओ से किसानों की सूची और वितरण की पूरी जानकारी तलब की. इसमें एक विक्रेता के नाम पर 8.50 लाख से अधिक अनुदान के बीज वितरण की रिपोर्ट कुचायकोट के बीएओ द्वारा सौंपी गयी. जब विभाग ने बीज विक्रेता को तलब किया तो उसने अपनी बिक्री पंजी और रसीद बुक विभाग को सौंप दिया. कुचायकोट के बीएओ उनका रिकार्ड मांगा गया. इस बीच तत्कालीन डीएओ सुधीर कुमार वाजपेयी का तबादला हो गया और मामला खटाई में पड़ गया. नये डीएओ शिलाजीत सिंह के सामने जब कुचायकोट बीएओ ने अपनी रिपोर्ट सौंपी तो पाया गया कि बीज विक्रेता के नाम पर फर्जी रसीद छपवा कर 8.50 लाख का फर्जीवाड़ा किया गया है.

जांच से खुलेगा राज : कुचायकोट में जिस प्रकार बीएओ और किसान सलाहकारों ने मिल कर एक बीज विक्रेता के नाम पर फर्जीवाड़ा किया है. वैसे अन्य भी बीज विक्रेताओं के नाम फर्जीवाड़ा की आशंका प्रबल हो गयी है. अब विभागीय जांच से फर्जीवाड़े का राज खुलने की संभावना है. हाइब्रीड बीज वितरण के दौरान किसानों के नाम पर फर्जी हस्ताक्षर कर इस अनुदान की राशि को उनके नाम पर अपनी जेब में भर लिया गया. यह सिर्फ कुचायकोट में ही नहीं, अन्य प्रखंडों में भी बड़े पैमाने पर किसानों के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया. उधर, बीज विक्रेता ने लिखित आवेदन देकर उसके नाम पर किये गये फर्जीवाड़े की जांच की मांग कृषि विभाग से की है.

कुचायकोट में फर्जीवाड़े का मामला सामने आते ही विभाग को उच्चस्तरीय अनुशंसा की गयी है. जांच के बाद सच्चई खुल कर सामने आयेगी, जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.

कृष्ण मोहन, डीएम, गोपालगंज

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