पटना : रघुराम राजन समिति के सदस्य शैवाल गुप्ता ने इस समिति की रिपोर्ट को बिहार के पक्ष में साकारात्मक बताते हुए आज कहा कि इससे इस राज्य को विशेष दर्जा प्राप्त होने का मार्ग प्रशस्त हो गया पर इसके लिए राजनीतिक इच्छा शक्ति की जरुरत है.रघुराम राजन समिति ने अपनी रिपोर्ट में देश के सबसे कम दस विकसित राज्यों में बिहार को दूसरा स्थान दिया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के लिए छेडे गए अभियान की ओर इशारा करते हुए शैवाल ने कहा कि पहली लडाई जीत ली है पर जंग जीतनी अभी बाकी है.
रघुराम राजन समिति की रिपोर्ट में प्रति व्यक्ति आय, उर्जा खपत, भाडे में समानता आदि मापदंडों को शामिल नहीं किए जाने पर असम्मत टिप्पणी करने वाले शैवाल ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने के बारे में राजनीतिक स्तर पर फैसला लिया जाना है और इसके लिए इच्छा शक्ति की जरुरत है.शैवाल ने कहा कि सबसे कम विकसित राज्यों की श्रेणी में शामिल किए गए राज्यों को एक साथ मिलकर विशेष दर्जा के लिए प्रयास करना चाहिए. उन्होंने कहा कि रघुराम राजन समिति की रिपोर्ट में जो बातें कही गयी हैं उसके आधार पर उत्तर प्रदेश के बाद बिहार देश का ऐसा दूसरा राज्य होगा जो सबसे अधिक लाभान्वित होगा.
रघुराम राजन समिति में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का प्रतिनिधि होने के बावजूद असम्मत टिप्पणी संबन्धी विपक्ष के आरोप पर शैवाल ने कहा कि उनकी टिप्पणी को एक आलोचक के तौर पर लिया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने उन मापदंडों को शामिल किए जाने की बात कही है जिससे बिहार को और अधिक लाभ पहुंचता. उन्होंने कहा कि समिति ने राज्यों के पिछडेपन का प्रत्येक पांच वर्षो पर मूल्यांकन किए जाने का रास्ता खुला रखा है ऐसे में उनकी असम्मत टिप्पणी भविष्य में इसके लिए बनने वाली समिति के लिए उपयोगी साबित होगी.