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फैसला कल, आज लालू जायेंगे रांची

पटना : चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले आरसी 20 ए/96 का सोमवार को फैसला आयेगा. रांची स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत में सोमवार को दिन के साढ़े 10 बजे फैसला सुनाया जायेगा. 17 वर्ष से चल रहे इस मुकदमे में राजद प्रमुख लालू प्रसाद आरोपित हैं. फैसले के समय लालू प्रसाद अदालत में उपस्थित […]

पटना : चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले आरसी 20 /96 का सोमवार को फैसला आयेगा. रांची स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत में सोमवार को दिन के साढ़े 10 बजे फैसला सुनाया जायेगा. 17 वर्ष से चल रहे इस मुकदमे में राजद प्रमुख लालू प्रसाद आरोपित हैं.

फैसले के समय लालू प्रसाद अदालत में उपस्थित रहेंगे. न्यायालय में उपस्थित होने के लिए वह रविवार को दोपहर विमान से रांची पहुंचेंगे. उनके साथ उनके अधिवक्ता चितरंजन प्रसाद और चुनिंदे पार्टी नेता भी होंगे. वह रविवार की रात रांची की सरकारी अतिथिशाला में गुजारेंगे. अगले दिन उनकी विशेष न्यायाधीश प्रवास कुमार सिंह की कोर्ट में पेशी होगी और मुकदमे का निर्णय सुनाया जायेगा.

लालू प्रसाद ने अपने दल के कार्यकर्ताओं को रांची जाने से मना किया है. बावजूद इसके करीब 10 हजार राजद कार्यकर्ताओं का दल रांची पहुंचने को तैयार है. लालू प्रसाद गो एयरवेज की विमान से रविवार को दोपहर बाद रांची पहुंचेंगे. कार्यकर्ता सड़क मार्ग से पहुंचेंगे. आर सी 20 /96 चारा घोटाले का सबसे चर्चित केस है. इसमें चाईबासा ट्रेजरी से करीब 45 करोड़ रुपये निकासी का आरोप है.

लालू प्रसाद के मुख्यमंत्रित्व काल में ही बिहार सरकार ने यह केस दर्ज किया था. बाद में जब पटना उच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआइ ने केस को अपने हाथ में लिया, तब आरोपपत्र में लालू प्रसाद का नाम षड्यंत्रकर्ता के रूप में शामिल किया गया. मामले में लालू प्रसाद को पहली बार 16 साल पहले 30 जुलाई, 1997 को आत्मसमर्पण करना पड़ा था.

सीबीआइ की विशेष अदालत ने उन्हें जेल भेज दिया था. इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. चारा घोटाले से जुड़े इस केस में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र, जदयू सांसद डॉ जगदीश शर्मा, पूर्व सांसद आरके राणा भी अभियुक्त हैं. फैसले की घड़ी में सभी अभियुक्तों को सोमवार को विशेष अदालत में मौजूद रहना होगा.

गौरतलब है कि 11 मार्च, 1997 को पटना उच्च न्यायालय ने चारा घोटाले से संबंधित मामले की सीबीआइ जांच के आदेश दिये थे. उच्च न्यायालय के फैसले के विरोध में बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने 19 मार्च, 1997 को सिर्फ पटना उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा. बल्कि, पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को सीबीआइ की जांच की नियमित मॉनीटरिंग का भी आदेश दिया.

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