पटना : बिहार राज्य मंत्रिपरिषद ने इस वर्ष अनियमित और कम वर्षा के मद्देनजर प्रदेश के कुल 38 जिलों में से 33 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किये जाने को आज मंजूरी प्रदान कर दी.
पटना के 1-अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर आज सुबह हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद पत्रकारों को संयुक्त रुप से संबोधित करते हुए मंत्रिमंडल सचिवालय समन्वय विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश महरोत्रा और आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने इस वर्ष अनियमित और कम वर्षा के मद्देनजर प्रदेश के कुल 38 जिलों में से 33 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किये जाने को आज मंजूरी प्रदान कर दी.
व्यास ने बताया कि एक जून से 11 सितंबर तक राज्य में 892.2 मिलीमीटर औसत वर्षा के मुकाबले मात्र 668.6 मिलीमीटर बारिश ही हो पाई है और बारिश में औसतन 25 प्रतिशत की कमी पायी गयी है.
उन्होंने कहा कि कम वर्षा के कारण भूगर्भीय जलस्तर में काफी कमी आयी है जिससे राज्य में सूखे की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. कृषि एवं जल संसाधनों के अतिरिक्त सूखे के प्रभाव से पशु संसाधन एवं मानव रोजगार पर भी असर पड़ने की संभावना है.
उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 में राज्य में मानसून के दौरान वर्षा की स्थिति काफी दयनीय रही जिसके कारण धान की रोपाई लक्ष्य से बहुत कम हुई. व्यास ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा सूखाग्रस्त घोषित किए जाने के लिए निर्धारित मापदंड के अनुसार बिहार में औसत वर्षा से 20 प्रतिशत कम वर्षा वाले 33 जिले हैं.