पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि उनकी पार्टी (जदयू) अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में अकेले चुनाव लडेगी या फिर कांग्रेस और भाजपा के विरोध में बनने वाले किसी मोर्चे में शामिल होगी. इस बारे में निर्णय आगामी अक्तूबर महीने के बाद लिया जाएगा.
यहां एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास परिसर में आयोजित जनता दरबार के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान यह पूछे जाने पर कि भाजपा द्वारा नरेंद्र मोदी को जल्द ही प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने की संभावना है, नीतीश ने कोई जवाब नहीं दिया.
जयपुर में आयोजित होने वाली रैली के मोदी के संबोधित करने के बारे में पूछे जाने पर नीतीश प्रश्न को टालते हुए कहा कि अगला प्रश्न पूछें. 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा पर नीतीश ने कहा कि यह किसी भी दल का विशेषाधिकार है और वह अपने हितों को ध्यान में रखकर फैसला लेती है और उसमें किसी तीसरे आदमी के विचार की क्या आवश्यकता है.
जदयू के तीसरे मोर्चे की ओर झुकाव संबंधी अटकलों पर नीतीश ने कहा कि इस तरह के बहुत से विकल्प की चर्चाएं हो रही हैं, लेकिन चुनाव को लेकर उनकी पार्टी उचित समय पर निर्णय लेगी.
जदयू के तीसरे मोर्चे में शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर नीतीश कुमार ने कहा कि तीसरे मोर्चे या किसी अन्य मोर्चे में शामिल होने का निर्णय नहीं लिया है. 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव में जदयू अकेले चुनाव लडेगी या फिर कांग्रेस और भाजपा के विरोध में बनने वाले किसी मोर्चे में शामिल होगी इस बारे में निर्णय आगामी अक्तूबर महीने के बाद लिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि अक्तूबर तक उनकी पार्टी का बिहार में विधानसभा क्षेत्रवार सम्मेलन चल रहा है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यो को प्राथमिकता देते हुए इस सम्मेलन को स्थगित किया गया है. बिहार के 243 विधानसभा क्षेत्रों में से जदयू द्वारा 200 विधानसभा क्षेत्रों में यह सम्मेलन आयोजित किया जा चुका है.
ग्लोबल किसान सम्मेलन में शामिल होने के लिए किसानों को भेजे जाने के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि किसी भी प्रदेश का किसान देश के किसी भी हिस्से में जा सकता है.
भाजपा के विशेष राज्य का दर्जा संबंधी बयान के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी ऐसा बोल रहे हैं वह बिहार के लोगों की भावनाओं के खिलाफ और इस राज्य के हित के खिलाफ बोल रहे हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा इसके लिये गठित विशेष समिति ने अपना काम कर लिया है. केंद्र सरकार को देखना है कि समिति की क्या अनुशंसा है और इस पर उन्हें क्या करना है.
नीतीश ने कहा कि विशेष राज्य की मांग को लेकर निरंतर अभियान चलाया गया. भाजपा को भी मालूम है कि विशेष राज्य का क्या महत्व है और इससे उन्हें क्या फायदा होने वाला है. उन्होंने कहा कि बिहार विधानमंडल ने सर्वसम्मति से इसके लिये प्रस्ताव पारित किया. सवा करोड लोगों के हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन प्रधानमंत्री को सौंपा गया. प्रधानमंत्री ने अन्तरमंत्रालय समूह का गठन किया. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले इसके लिये अभियान जारी है.
भाजपा के 11 मंत्रियों की बर्खास्तगी के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की तिथि की घोषणा के बारे में पूछे जाने पर निश्चित तिथि बताने से इंकार करते हुए नीतीश ने कहा कि इस बारे में सही समय पर आप लोगों को बताया जाएगा.
खाद्य सुरक्षा कानून के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि हम राज्य में इसे प्रभावकारी तरीके से लागू करना चाहते हैं. इसके लिये बुनियादी और प्रारंभिक तैयारी कर रहे हैं. चार छह माह का समय इसे लागू करने में लग सकता है. जिस दिन से यह लागू होगा उस दिन से लाभुकों को यह सुरक्षा प्राप्त करना कानूनी अधिकार हो जायेगा.
उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून को लागू करने से पूर्व लाभार्थियों की पहचान करनी होगी. इस योजना के अन्तर्गत कौन लाभार्थी होगा यह तय करना होगा. राज्य में सामाजिक आर्थिक जातीय जनगणना का कार्य चल रहा है. इसके जो प्रारंभिक डाटा निकलेंगे उसका उपयोग खाद्य सुरक्षा कानून को लागू करने में किया जायेगा.