पटना: राज्य सरकार ने भारी बारिश या बादल फटने की आशंका को देखते हुए सभी जिलों में हाइ अलर्ट घोषित कर दिया है. उत्तर बिहार के जिलों और गंगा के किनारेवाले जिलों को हाइ अलर्ट के दायरे में विशेष रूप से रखा गया है. इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने उत्तर बिहार के डॉक्टरों और पुलिसकर्मियों को विशेष परिस्थिति में ही छुट्टी देने का निर्देश संबंधित विभागों को दिया है.
मौसम विभाग ने राज्य सरकार को सूचित किया है कि सितंबर के दूसरे या तीसरे सप्ताह में नेपाल के तराई क्षेत्र या उत्तर बिहार के मैदानी इलाकों में भारी बारिश हो सकती है. 24 घंटे के अंदर 300 से 400 मिली लीटर वर्षा होने की चेतावनी दी गयी है. इसके मद्देनजर मुख्य सचिव अशोक कुमार सिन्हा ने शनिवार को सभी जिलों के डीएम के साथ आपदा पूर्व तैयारियों को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की. उन्होंने अधिकारियों को तटबंध सुरक्षा, नाव-मोटर बोट, खाद्यान्न, दवाएं, पशु चारा,रेडी फूड, पॉलीथिन शीट सहित अन्य आवश्यक चीजों की व्यवस्था करने का आदेश दिया.
उधर, पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों में एसपी को मुस्तैद रहने को कहा है. एडीजी मुख्यालय ने कहा कि विशेष स्थितियों में ही पुलिसकर्मियों को छुट्टी दी जायेगी. गंगा किनारेवाले जिले भी हो सकते हैं प्रभावित : मुख्य सचिव ने कहा कि हिमालय के तीन रेंज- उच्च, मध्यम व तराई क्षेत्र हैं. तराई क्षेत्र में भारी बारिश होने से भुतही बलान, कमला बलान में पानी की मात्र बढ़ जायेगी. मध्यम क्षेत्र में भारी बारिश होने से बागमती सहित अन्य नदियां उफना सकती हैं. वहीं, उच्च क्षेत्र में भारी बारिश या बादल का फटा, तो कोसी व गंडक जैसी नदियों का जल स्तर अचानक बढ़ जायेगा. इन नदियों का पानी गंगा में ही आकर मिलेगा, ऐसे में गंगा का जल स्तर अचानक बढ़ने से उसके किनारे के जिलों में भी तबाही हो सकती है. फिलवक्त गंगा सहित उत्तर बिहार की नदियों के जल स्तर में कमी दर्ज की जा रही है. बैठक में आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यासजी, अपर पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय रवींद्र कुमार सहित स्वास्थ्य, जल संसाधन, पशु संसाधन, ऊर्जा व अन्य विभागों के वरीय अधिकारी उपस्थित थे.
राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, पूसा स्थित कृषि मौसम परामर्शी सेवा केंद्र के अनुसार, दो-तीन दिनों से बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर बन रहा था, जो अब सक्रिय होता नजर आ रहा है. यह धीमी रफ्तार से बिहार की ओर मुखातिब है. लेकिन, फिलहाल मॉनसूनी रेखा असम, मेघालय और नेपाल के ऊपर बनी हुई है. वातावरण की वर्तमान स्थिति बरकरार रही, तो नेपाल और उसके तराई क्षेत्र में अच्छी बारिश होगी. इसका असर बिहार पर पड़ना लाजिमी है.
आशंका
तैयारी
बाढ़ अपडेट
गंगा किनारे वाले जिले भी हो सकते हैं प्रभावित
मुख्य सचिव ने कहा कि हिमालय के तीन रेंज उच्च, मध्यम व तराई क्षेत्र हैं. तराई क्षेत्र में भारी बारिश होने से भुतही बलान, कमला बलान में पानी की मात्र बढ़ जायेगी. मध्यम क्षेत्र में भारी बारिश होने से बागमती सहित अन्य नदियां उफना सकती हैं. अगर उच्च क्षेत्र में भारी बारिश या बादल का फटा, तो कोसी व गंडक जैसी नदियों में भारी पानी का बहाव तेज हो जायेगा. मुख्य सचिव ने कहा कि हर हाल में नदियों का पानी गंगा में ही आकर मिलेगा, ऐसे में गंगा केजल स्तर में अचानक तेजी आने से किनारे के जिलों में भी तबाही हो सकती है. मुख्य सचिव ने कहा कि फिलवक्त गंगा सहित उत्तर बिहार की नदियों के जल स्तर में गिरावट दर्ज की जा रही है.
भारी बारिश की संभावना नहीं
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में लिये गये निर्णय
1. तटबंधों की सुरक्षा, पेयजल की उपलब्धता, सुरक्षित शरणस्थलों का चयन हो
2. राहत व बचाव दल का गठन, राहत सामग्री, पशु चारा, दवा, राहत शिविर व चिकित्सा शिविर की तैयारी हो
4. मौसम विभाग की वेबसाइट पर लेते रहे अद्यतन जानकारी
5. सारण, खगड़िया व कटिहार के डीएम हेलीकॉप्टर से करें हवाई सर्वेक्षण
6. मेडिकल टीम, मोबाइल वैन, महाजाल के साथ प्रशिक्षित गोताखोर, नाव आदि का प्रबंधन हो
7. प्रशिक्षित 67 पुलिसकर्मियों की सेवा एसडीआरएफ को सौंपी जाये
8. राहत एवं बचाव कार्य के दौरान कानून-व्यवस्था बनाये रखने की तैयारी की जाये
9. प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक डॉक्टर व चार कम-से-कम बेड सुरक्षित रखे जाये.
10. तटबंधों की सुरक्षा में होमगार्ड व निश्चित दूरी पर इंजीनियरों की तैनाती हो