इंदौर में घरेलू विवाद ने दो परिवारों को तबाह कर दिया. पटना के पटेलनगर की रहने वाली डॉ प्रियंका, उसके पति, माता-पिता और पांच माह की मासूम की जान चली गयी. यह घटना इस ओर इंगित करता है कि परिवार कैसे टूट रहे हैं और समाज में कुंठा से उपजा गुस्सा कैसे जिंदगियों को तबाह कर रहा है. इस घटना से सबक लेने की भी जरूरत है, ताकि परिवार बचे रहें.
पटना: इंदौर के जंजीरावाला चौराहे के पास बख्तगढ़ टावर के फ्लैट संख्या 302 में शनिवार की रात एक साथ पांच लोगों की जान गयी. मृतकों में पटना की डॉ प्रियंका, उसके पिता प्रेमचंद पांडेय, मां गायत्री पांडेय और पांच महीने की मासूम बेटी सूही के अलावा पति डॉ रोहित द्विवेदी शामिल हैं. पूरी घटना के पीछे पारिवारिक विवाद से उपजा आक्रोश था.
डॉक्टर ने क्रूरता से अपनी पत्नी व सास-ससुर का कत्ल कर खुद भी जान दे दी. डॉ प्रियंका के माता-पिता पटना के पटेलनगर में रहते थे. घटना की सूचना मिलने के बाद प्रियंका के भाई पीयूष पांडेय इंदौर पहुंच गये हैं.
अब तक की पुलिस तफ्शीश में यह बात सामने आयी है कि डॉ प्रियंका और डॉ रोहित के बीच काफी दिनों से विवाद चल रहा था. विवाद को सुलझाने के लिए डॉ प्रियंका के माता-पिता इंदौर गये थे. शनिवार की रात विवाद बढ़ा और डॉ प्रियंका ने अपनी बेटी सूही की गला दबा दिया. बेटी की मौत हो गयी. इसके बाद रोहित पत्नी प्रियंका की बुरी तरह पिटाई करने लगा. बेटी प्रियंका को बचाने का प्रयास करने पर ससुर प्रेमचंद पांडेय उर्फ पीसी पांडेय और सास गायत्री पांडेय पर भी रोहित ने हमला कर दिया. उसने मेडिकल किट से तीनों की हत्या कर दी. फिर खुद भी फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली.
पिता से बात की और लगा ली फांसी
पत्नी, ससुर व सास की हत्या के बाद पूरी रात डॉ रोहित फ्लैट में ही रहा. रविवार सुबह पिता डॉ गणोश प्रसाद द्विवेदी से बात करने के बाद खुद भी फांसी लगा ली. डॉ रोहित के माता-पिता भी पति-पत्नी के बीच विवाद सुलझाने के लिए इंदौर गये थे, लेकिन वे उस फ्लैट में नहीं ठहरे थे, जहां यह वारदात हुआ.
चार महीने बाद मायके से इंदौर गयी थी प्रियंका
डॉ प्रियंका का मायका पटना के पटेल नगर के गोकुल पथ में है. मई महीने से ही वह अपनी बेटी के साथ मायके में थीं. 30 अगस्त को वह इंदौर गयी थीं. पति-पत्नी के बीच विवाद सुलझाने के ख्याल से पिता प्रेमचंद पांडेय व मां गायत्री पांडेय भी साथ गये थे. बताते हैं कि पति-पत्नी के बीच ट्रेन में ही मोबाइल पर बात करने के दौरान विवाद होने लगा था. इंदौर स्थित फ्लैट पर पहुंचने के बाद विवाद और बढ़ गया था.तीन साल पहले हुई थी शादी
डॉ प्रियंका व डॉ रोहित की शादी तीन साल पहले राजधानी के होटल चाणक्या में धूमधाम से हुई थी. पटेल नगर के मदन सिंह ने बताया कि प्रियंका पढ़ने में काफी तेज-तर्रार थी. वह हंसमुख स्वभाव की थी. मोहल्ले के लोगों से उसके पिता और पूरे परिवार का अच्छा संबंध था. अभी कुछ ही महीने पहले इंदौर के एक मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर वह चयनित हुई थी.
मेढक न बनें महिलाएं
पटना की डॉ प्रियंका ने पति से अनबन व शोषण संबंधित दर्द फेसबुक पर भी बयां किया था. फेसबुक पर उसने बॉयलिंग फ्रॉग सिंड्रोम का उदाहरण देते हुए अपनी पीड़ा लिखी थी. उसने लिखा था कि किस तरह से एक मेढक को जब पानी में डाल कर उबाला जाता है, तो वह अंतिम क्षण तक अपने शरीर के तापमान को एडजस्ट करता है. यदि वह समय से पानी में कूद जाता, तो उसकी जान बच
सकती थी. कुछ इसी तरह महिलाएं अंतिम समय तक एडजस्ट करती हैं. उन्हें इस बात की स्पष्टता होनी चाहिए कि कब तक एडजस्ट करना है और कब सामना करना है. हम अगर लोगों को शोषण करने देंगे, तो वे करते रहेंगे.
सपने में भी नहीं सोचा था कि जीजा ऐसा करेंगे..
पटना:इंदौर में एमआइ हॉस्पिटल में एक साथ अपनी बहन डॉ प्रियंका, माता-पिता व भांजी के साथ जीजा डॉ रोहित का शव देख पीयूष फफक-फफक कर रोने लगा. उसके साथ दो-तीन रिश्तेदार भी थे. पत्रकारों के यह पूछने पर कि हत्या की वजह क्या हो सकती है, पीयूष ने सिर्फ इतना कहा कि उसे उम्मीद नहीं थी कि मेरा जीजा ऐसा करेगा. उसकी बहन घरेलू झगड़े की सामान्य शिकायत करती थी. लेकिन, मामला इतना बिगड़ गया है कि वह पूरे परिवार का सफाया कर देगा, ऐसा सपने में भी नहीं सोचा था. पीयूष ने बताया कि प्रियंका कोलकाता में रक्षा बंधन में आयी थी. दोनों भाइयों को राखी बांधने के बाद उन्होंने काफी देर तक आपस में बातें की थीं. घूमे-फिरे थे.
शव लेने को लेकर हुआ विवाद
इंदौर में डॉ प्रियंका और उसकी बेटी के शव के लिए उसके ससुरालवालों और भाई पीयूष के बीच काफी देर तक विवाद हुआ. ससुराल वाले चाहते थे कि बेटे के साथ बहू और उसकी मासूम बेटी का शव भी उन्हें मिले, जबकि पीयूष अपने माता-पिता के साथ बहन और भांजी का शव लेने पर अड़ा था. बाद में वहां की पुलिस ने बीच-बचाव कर मामला सलटाया. आखिरकार पीयूष को प्रियंका, उसकी बेटी, पिता प्रेमचंद पांडेय और मां गायत्री पांडेय का शव साथ ले जाने की इजाजत मिली. चारों शव मंगलवार की सुबह वाली जेट एयरवेज की फ्लाइट से पटना लाये जायेंगे. सोमवार की रात सभी शवों को ताबूत में इंदौर के एमआइ हॉस्पिटल में रखा गया है.