पटना: कल तक खुशियों से जगमग रहे डॉ प्रियंका के मायके में सोमवार की शाम सन्नाटा पसरा था. प्रियंका, बेटी सूही, पति रोहित व पिता पीसी पांडेय के साथ मां गायत्री पांडेय की मौत की खबर से मोहल्ले के लोग अचंभित थे और उन्हें जाननेवाले गमगीन. नीचे के फ्लैट में रोशनी थी, लेकिन ऊपर के फ्लोर पर अंधेरा. सारी खिड़कियां व दरवाजे भी बंद थे. पता चला कि घर में कोई नहीं है. कॉल वेल बजाने पर नीचे के फ्लोर से एक महिला निकली. परिचय देने पर कि अखबार से आये हैं. सिर्फ इतना कहा कि है, यहां कोई नहीं है, उसे कुछ नहीं पता. इतना कहने के बाद महिला ने दरवाजा बंद कर लिया. काफी मशक्कत के बाद भी दरवाजा नहीं खुला.
30 को ही गये थे इंदौर
पड़ोस में रहने वाली संगीता सिंह ने बताया कि भगवान किसी को भी ऐसा दिन न दिखाये. पांडेय जी का पूरा परिवार बहुत अच्छा था. प्रियंका बहुत ही मिलनसार व इंटेलिजेंट लड़की थी. उसके साथ ऐसा होगा, कभी सपने में भी नहीं सोचा था. बताया कि वे लोग 30 अगस्त को ही इंदौर गये थे. आज सुबह उनकी मौत की खबर मिली. नम आंखों से संगीता ने बताया कि उनके दो बेटे हैं. बड़ा बेटा सोनू हिंडाल्को में कोलकाता में इंजीनियर है. जबकि दूसरे बेटे मणि की अभी हाल ही में किसी प्राइवेट फर्म में नौकरी हुई है.
कोई विवाद नहीं हुआ था
पीसी पांडेय के पड़ोसी महेश शर्मा ने बताया कि 1985 से ही पांडेय जी इस मोहल्ले में हैं. तब से उनकी या उनके परिवार का किसी से कोई विवाद नहीं हुआ. इस घटना ने मोहल्ले वालों को झकझोर दिया है. एक ही बेटी थी प्रियंका,जो अब इस दुनिया में नहीं है.
एक साल पहले हुए थे रिटायर
पड़ोसी सीताराम मिश्र ने बताया कि प्रेमचंद पाण्डेय केनरा बैंक में कार्यरत थे. एक साल पहले सेवानिवृत्त हुए थे. तबसे दोनों पति-पत्नी साथ ही घूमने या छोटे-मोटे काम के लिए मोहल्ले में निकलते थे. दोनों बहुत मिलनसार थे. बलिया जिले के मूल निवासी थे, लेकिन काफी समय से पटेल नगर में रहने के कारण यही के होकर रह गये थे. सेवानिवृति के बाद मकान का प्लास्टर कराया था और अभी घर को सजाने मे लगे थे.