पटना: गंगा नदी के पानी से प्रभावित लोगों को कोसी की तरह ही सरकारी राहत मिलेगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बक्सर से कटिहार तक के बाढ़ग्रस्त 20 जिलों के डीएम को निर्देश दिया है कि वे राहत शिविर में कच्च अनाज के बजाय पका-पकाया भोजन मुहैया करायें. साथ ही यह भी कहा कि जिस सड़क पर बाढ़ का पानी चढ़ चुका है, उन पर परिचालन बंद कर दिया जाये, ताकि दुर्घटना को टाला जा सके. गुरुवार को समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को आपदा प्रबंधन, जल संसाधन, पथ निर्माण विभाग व नगर विकास सहित अन्य विभागों के अधिकारियों को हवाई सर्वेक्षण कर प्रभावित इलाकों का जायजा लेने को कहा.
साथ ही युद्धस्तर पर राहत व बचाव कार्य करने को कहा. उन्होंने कहा कि जब तक बाढ़ का पानी निकल न जाये, वहां आबादी को नहीं रहने दिया जाये. आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने कहा कि जहां पानी चढ़ गया है, उन सड़कों की सुरक्षा बोल्डर से करने को कहा गया है, ताकि कटाव न हो और शहर सुरक्षित रहे. दियारा की आबादी को बाहर निकाल कर राहत शिविर में रखने को कहा गया है.
एनडीआरएफ की अतिरिक्त टुकड़ियों की मांग : गंगा नदी में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए सरकार ने एनडीआरएफ से अतिरिक्त टुकड़ियों की मांग की थी. स्थिति की भयावहता को देखते हुए कोलकाता से कुछ कंपनियां मंगायी हैं. राज्य के बाढ़ग्रस्त इलाकों में अभी एनडीआरएफ की 18 कंपनियां काम कर रही हैं. इसके अलावा 100 से अधिक नावों व अन्य सामानों की व्यवस्था भी एनडीआरएफ की ओर से की गयी है. पटना जिले में बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव कार्य का जिम्मा असिस्टेंट कमांडेंट महेंद्र कुमार को दिया गया है.