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कानून की सीमा से बाहर न जाये पुलिस:नीतीश

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (अपराध न्याय तंत्र) को सफलतापूर्वक लागू करने की जरूरत है. उन्होंने पटना हाइकोर्ट से अनुरोध किया कि वह इस सिस्टम की मॉनीटरिंग करे. आर्थिक संसाधनों की कमी के बावजूद राज्य सरकार इसके लिए सभी आवश्यक संसाधन मुहैया करायेगी. मुख्यमंत्री शनिवार को पुलिस मुख्यालय एवं बिहार […]

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (अपराध न्याय तंत्र) को सफलतापूर्वक लागू करने की जरूरत है. उन्होंने पटना हाइकोर्ट से अनुरोध किया कि वह इस सिस्टम की मॉनीटरिंग करे. आर्थिक संसाधनों की कमी के बावजूद राज्य सरकार इसके लिए सभी आवश्यक संसाधन मुहैया करायेगी. मुख्यमंत्री शनिवार को पुलिस मुख्यालय एवं बिहार ज्यूडिशियल एकेडमी के संयुक्त तत्वावधान में ‘अपराध न्याय तंत्र : समस्या एवं समाधान ’ विषय पर आयोजित राज्यस्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. इसके पूर्व मुख्यमंत्री व पटना हाइकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रेखा एम दोशित ने कार्यशाला का उद्घाटन किया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे यहां न्यायिक प्रक्रिया बेहतर है. सभी की बातों को सुना जाता है. न्यायपालिका में उच्चतर अदालत में अपील की व्यवस्था है. कानून का राज स्थापित करने में न्यायालय की महत्वपूर्ण भूमिका है. पुलिस की सीमाएं हैं. पुलिस को कानून की सीमा से बाहर नहीं जाना चाहिए. हालांकि, बयान नहीं, विज्ञान आधारित कार्रवाई हो, ऐसा कहने पर कई बार मजाक का विषय भी बन जाता है. कानून को ठीक ढंग से लागू किया जाये, तो दोषी को कानून के कटघरे में खड़ा किया जा सकता है. विधायिका समाज की जरूरतों के हिसाब से कानून बनाती है. न्यायपालिका उसकी व्याख्या करती है, उसकी अहमियत को देखती है. कानून के प्रति विश्वास कायम रहे, इस दिशा में प्रयास करने की जरूरत है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य न्याय के साथ विकास करना है. विकास के दौरान पूंजी गतिशील होती है. ऐसे में लालच बढ़ता है. आर्थिक अपराध के साथ हत्या, अपहरण व शील भंग जैसे अपराधों में भी वृद्धि होती है. पटना हाइकोर्ट के सहयोग से स्पीडी ट्रायल की प्रणाली ने गति पकड़ी है. हम सभी का प्रयास हो कि स्पीडी ट्रायल हो या सामान्य ट्रायल, कानून के आधार पर कार्रवाई हो. इस अवसर पर डीजीपी अभयानंद ने कहा कि आम लोगों की मांग स्पीडी ट्रायल कराने की होती है. साथ ही सजा के बावजूद अपराधी के जेल के बाहर रहने पर प्रश्न उठाया जाता है. न्याय तंत्र को बेहतर तरीके से क्रियान्वित करने की दिशा में यह कार्यशाला महत्वपूर्ण पहल साबित होगी.

कार्यक्रम का संचालन आइजी ,स्पेशल ब्रांच डॉ परेश सक्सेना ने किया. इस अवसर पर चार अलग-अलग विषयों पर विभिन्न सत्रों में विमर्श किया गया. मुख्यमंत्री और मुख्य न्यायाधीश ने ‘ विशेष पुलिस सप्ताह’ को लेकर प्रकाशित स्मारिका का भी विमोचन किया.

दूसरी बार जुटे न्यायिक, पुलिस व राज्य सरकार के अधिकारी
वर्ष 2006 के बाद दूसरी बार बिहार में क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के सभी प्रतिभागियों की राज्यस्तरीय एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन स्थानीय श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित किया गया. इसमें मुख्यमंत्री, हाइकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश व अन्य न्यायाधीश, मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजीपी, महाधिवक्ता, एसपी, डीएम, प्रमंडलीय आयुक्त, कारा प्रशासन के प्रमुख अधिकारी, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, जिला लोक अभियोजक सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए.

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