पटना : किशनगंज के पोठिया अंचल स्थित आराबाड़ी व डरीगांव में 350 एकड़ जमीन पर 562.50 करोड़ की लागत से जल्द ही कृषि महाविद्यालय का निर्माण शुरू होगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को समीक्षा करते हुए महाविद्यालय के कॉन्सेप्ट प्लान को स्वीकृति दी.
कृषि के साथ यह कॉलेज मत्स्यपालन, गव्य विकास, बागबानी व कृषि प्रसार एवं प्रशिक्षण के लिए सेंटर ऑफ एक्सलेंस के रूप में विकसित होगा. सीएम ने अधिकारियों को महानंदा नदी को देखते हुए कॉलेज कैंपस को बाढ़ निरोधक तटबंध से सुरक्षित रखने का निर्देश दिया.
कॉलेज की स्थापना से दुग्ध उत्पादन के साथ मछली उत्पादन एवं फल–सब्जी उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा. बैठक के बाद कृषि उत्पादन आयुक्त एके चौहान ने बताया कि यह महाविद्यालय बिहार कृषि विवि, सबौर के अधीन होगा. इसका निर्माण बिहार राज्य भवन निर्माण के माध्यम से होगा.
समय पर गुणवत्तापूर्ण कार्य करने का निर्देश दिया गया है. समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव अशोक कुमार सिन्हा, विकास आयुक्त आलोक कुमार सिन्हा, एपीसी आलोक कुमार सिन्हा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह, कृषि सचिव विवेक सिंह, भवन निर्माण विभाग के सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा, बिहार कृषि विवि के कुलपति डॉ एमएल चौधरी व भवन निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक गंगा कुमार आदि मौजूद थे.
* हर स्कूल में एक उर्दू शिक्षक : नीतीश
पटना : सुफिया–ए–बिहार नामक कॉफी टेबल किताब के लोकार्पण के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में उर्दू शिक्षक होंगे. उर्दू राज्य की दूसरी राजभाषा है. हम चाहते हैं सब उर्दू सीखें. मुझे अफसोस होता है, मेरे स्कूल में उर्दू सिखानेवाला कोई नहीं था. उन्होंने कहा कि इस किताब में राज्य के सभी खानकाहों, दरगाहों व मजारों की जानकारी दी गयी है. बिहार सूफी–संतों का राज्य रहा है. बिहार का जो अनादर करेगा व सूफी–संतों का कोपभाजन बनेगा. खानकाह पूरी लगन से काम करते हैं. ये सद्भाव सिखाते हैं. राज्य सरकार सूफी सर्किट पर काम कर रही है. यह किताब को सरमेस्ठा शर्मा ने लिखी है.