पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खाद्य सुरक्षा आयोग के गठन की मांग को दोहराते हुए आज कहा कि हम खाद्य सुरक्षा बिल के मूल भावना के साथ हैं.नीतीश ने यहां मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित जनता दरबार के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि खाद्य सुरक्षा बिल पर जब चर्चा हो रही थी उसपर राज्यों से राय मांगा गया था तो हमने विस्तृत सुझाव दिया था. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कुछ सुझावों को स्वीकारा है कुछ स्वीकार नहीं की है. जो बातें स्वीकार नहीं की हैं उसे संसद में उठाएंगे.
नीतीश ने कहा कि हम खाद्य सुरक्षा बिल के मूल भावना के साथ हैं और बडी संख्या में लोग इसमें शामिल होंगे तो विवाद घटेगा. उन्होंने कहा कि बिहार में खाद्य सुरक्षा बिल के लागू होने पर ग्रामीण इलाकों में 85 प्रतिशत एवं शहरी इलाकों में 70 से 72 प्रतिशत लोग इसके दायरे में आएंगे.
नीतीश ने कहा कि बिहार में बीपीएल परिवारों की संख्या काफी है और हमारी मांग थी बीपीएल के लिए स्वतंत्र आयोग बने और इसका खर्च केंद्र सरकार वहन करे. उन्होंने कहा कि कहा कि सात सदस्यीय खाद्य सुरक्षा आयोग बनना चाहिए जिसमें पांच सदस्य ग्रामीण क्षेत्र से होने चाहिए तथा उसमें महिला, एससी, एसटी, पिछडा, अतिपिछडा सदस्य हों.
नीतीश ने कहा कि बीपीएल परिवारों की पहचान का काम निरंतर चलना चलना चाहिए इसमें जिनका नाम छूट गया है उसका नाम जोडा जाना चाहिए. जो इसके पात्र नहीं हैं अगर उनका नाम सूची में शामिल हो गया है तो उन्हें हटाया जाना चाहिए.