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चापाकलों में कौन डाल रहा जहर!

।। मिथिलेश ।। * एफएसएल, पुलिस और सरकार अब तक नहीं पहुंची किसी नतीजे पर, पानी पर रहस्य बरकरार – स्कूलों के चापाकलों में जहर डालने की खबर से बच्चे खौफजदा हैं. शनिवार को भी नौ जगहों से ऐसी सूचनाएं मिलीं. प्रभात खबर ने जिलाधिकारियों, नेताओं व ग्रामीणों से बात कर इसकी सच्चाई जाननी चाही. […]

।। मिथिलेश ।।

* एफएसएल, पुलिस और सरकार अब तक नहीं पहुंची किसी नतीजे पर, पानी पर रहस्य बरकरार

– स्कूलों के चापाकलों में जहर डालने की खबर से बच्चे खौफजदा हैं. शनिवार को भी नौ जगहों से ऐसी सूचनाएं मिलीं. प्रभात खबर ने जिलाधिकारियों, नेताओं ग्रामीणों से बात कर इसकी सच्चाई जाननी चाही.

पटना : चापाकलों में जहर कौन डाल रहा, क्या डाल रहा और क्यों डाल रहा. लाख टके के इस सवाल का जवाब सरकार भी नहीं दे पा रही है. मशरक में 16 जुलाई को मिड डे मील से 23 बच्चों की मौत के बाद अब चापाकलों में जहर डालने का जो सिलसिला आरंभ हुआ, वह थम नहीं रहा. अब तक गोपालगंज, छपरा, सीतामढ़ी, शेखपुरा, अरवल, जहानाबाद से चापाकलों में जहर मिलाने की घटना सामने चुकी है. मुख्यमंत्री ने पुलिस मुख्यालय को तहकीकात करने को कहा है.

सरकार राज्य में हो रही घटनाओं के पैटर्न को खोज रही है. पुलिस, फोरेंसिंक साइंस लेबोरेटरी और सरकार के अन्य तंत्र इस बात का पता नहीं लगा पा रहे कि आखिर इस सबके पीछे कोई साजिश है, किस तरह के पदार्थ पानी में मिलाये जा रहे हैं या फिर कोरी अफवाह ने सरकार और लोगों की नींद हराम कर रखी है. प्रभात खबर ने दरभंगा, सीवान, सारण, सीवान, पूर्णिया, जहानाबाद, अरवल सीतामढ़ी शेखपुरा के जिलाधिकारियों से बातचीत की.

* जिलाधिकारी भी ऊहापोह में

प्रभावित अधिकतर जिलों के डीएम, स्थानीय नेताओं से बातचीत में यह खुलासा नहीं हो पाया कि आखिर कौन लोग हैं, जो ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. अरवल के डीएम ने कहा कि चापाकल में जहर डालने या कोई केमिकल मिलाने या अफवाह उड़ाने के पीछे कोई संगठित गिरोह काम कर रहा है.

दरभंगा के डीएम ने कहा कि जब महरी स्कूल के बच्चों ने पेट दर्द की शिकायत की, तो उन्हें डीएमसीएच में भरती कराया गया, लेकिन अब तक बच्चों में बेहोशी या उल्टी के कोई लक्षण नहीं पाये गये. सीवान के डीएम ने भी कुछ ऐसी ही बात कही. सारण के डीएम ने कहा कि घटनाओं के पीछे असामाजिक तत्व हो सकते हैं.

शिवहर कीकुअमा पंचायत में एक छात्र की जेब से जहरीला कीटनाशक बरामद किया गया. सरकार अब तक समझ नहीं पायी है कि इसके पीछे कोई संगठित गिरोह है या फिर यह अफवाह है.

* संशय कायम

पानी में क्या मिलाया जा रहा है, इस बात का भी खुलासा नहीं हो पाया है. मशरक में भोजन में जहरीले पदार्थ मिले होने की बात सामने आयी है. इसके बाद जितनी भी घटनाएं हुईं, उसमें कौन सा पदार्थ या रसायन मिलाया गया, इसकी रिपोर्ट सरकार को नहीं मिल पायी है.

* संगठित गिरोह या कोई और

अब तक जितने भी मामले सामने आये हैं, उनमें से एक में भी किसी बड़े आपराधिक गिरोह या संगठित गिरोह के नाम सामने नहीं आये हैं. शिवहर में एक स्कूली छात्र पकड़ा गया, तो गोपालगंज में एक महिला पकड़ी गयी. पर, अब तक पुलिस मुख्यालय किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाया है. इन घटनाओं से स्कूल जानेवाले बच्चों और उनके अभिभावकों में खौफ पैदा करने की कोशिश के रूप में इसे देखा जा रहा है. कहीं कहीं इससे सरकार और राज्य की बदनामी से भी जोड़ कर देखा जा रहा है. विपक्ष सरकार के सूचना तंत्र की विफलता मान रहा है. जबकि, सरकार समर्थकों को अंदेशा है कि यह सिर्फ सरकार को बदनाम करने की संगठित साजिश है.


* पीएचइडी
: अलर्ट जारी

विभाग ने अलर्ट तो जारी कर दिया है, पर जहरीले पानी की जांच का प्रबंध नहीं है. आर्सेनिक, फ्लोराइड आयरन वाले पानी की जांच की सुविधा है.

* एक किट से जांच संभव

पटना : पटना सायंस कॉलेज के केमेस्ट्री डिपार्टमेंट के डॉ प्रह्वाद कुमार ने कहा कि चापाकल के पानी में जहरीले पदार्थ की जांच ऑन स्पॉट की जा सकती है. इसके लिए एक किट आता है. यह किट फिलहाल बिहार में उपलब्ध नहीं है. इस किट में पानी की दो बूंद डालने पर ही पता चलता है कि पानी में जहर कितनी मात्र में है.

पटना सायंस कॉलेज केमेस्ट्री प्रोफेसर डॉ दिलीप वर्मा ने बताया कि जो जहर अभी चापाकल में मिलाये जा रहे हैं, वे ऑरगेनिक प्वॉयजन हैं. इनऑरगेनिक प्वॉयजन बहुत ही खतरनाक होता है. वैसे इसका टेस्ट तत्काल कर सकते हैं. इसका टेस्ट यहां भी (सायंस कॉलेज) हो सकता है. यहां एक एटॉमिक एब्जॉब्र्शन स्पेक्ट्रोफोटोमिटर है, जिससे छात्र प्रैटिक्ल करते हैं. वैसे यहां प्वॉयजन टेस्ट की व्यवस्था नहीं होने की वजह से इक्यूमेंट पड़ेपड़े खराब हो गये हैं.

सायंस कॉलेज केमेस्ट्री प्रोफेसर डॉ रजनीश कुमार ने बताया कि सोडियम एक्स्ट्रेट के साथ फॉस्फोरस क्लोरीन का टेस्ट किया जा सकता है. पानी में जहर है या नहीं, इसकी जांच 10 मिनट में हो सकती है. जांच में यह सामने जायेगा कि इस प्वॉयजन में कौन सा एलिमेंट है.

– स्कूलों के चापाकल के पानी से फिर हुए बीमार

* सारण परसा में दो छात्र नगरा में एचएम बीमार

* नालंदा खिरौना में रसोइया दो छात्र बीमार

* जहानाबाद नोनही मठ में दर्जन भर से अधिक छात्र बीमार

* सीतामढ़ी महरी स्कूल की शिक्षिका दो दर्जन छात्र बीमार

* प चंपारण मोहदीपुर की रसोइया की तबीयत हुई खराब

* मधुबनी मझौरा स्कूल के चापाकल में जहरीला पदार्थ डालते युवक को लोगों ने पकड़ा

* पू चंपारण भेड़िहरवा स्कूल के चापाकल के पास मिली कीटनाशक की शीशी

* मुजफ्फरपुर धरपुर स्कूल के चापाकल से निकला लाल पानी, सील

* समस्तीपुर पगड़ा स्कूल के चापाकल से निकली सल्फास की गोली

– क्या कहते है राजनेता

* चापाकल में जहर डालने की अफवाह भी फैलायी जा रही है. अगर कहीं चापाकल में कीटनाशक पदार्थ मिल भी रहे हैं, तो यह प्रदेश सरकार को अस्थिर करने की साजिश है.

वशिष्ठ ना सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, जदयू

* मुझे दो शंका हैपहला, सुनियोजित तरीके से कोई इन घटनाओं को अंजाम दे रहा है. दूसरा अफवाह भी उड़ायी जा रही है. दोनों मामलों में सरकार विफल है.

अब्दुलबारी सिद्दीकी, राजद

* चापाकल के पानी में जहर मिला देना सबसे घृणित कार्य है. राज्य सरकार को चाहिए कि पुलिस की गश्ती तेज करे. किसी भी एक स्थान पर दोषी पकड़ा जाये, तो उसे कड़ी सजा दी जाये.

डॉ सीपी ठाकुर, भाजपा

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