पटना: पटना के महान गणितज्ञ आर्यभट की परंपरा को शुभम ने जिंदा रखा है. शुभम की उम्र अभी केवल 17 साल है, पर उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मैथेमेटिक्स ओलिंपियाड (आइएमओ-2013) में देश के लिए सिल्वर मेडल जीत लिया है. यह ओलिंपियाड कोलंबिया में 18 से 28 जुलाई को हुआ, जिसमें दुनिया के 97 देशों के श्रेष्ठ गणितज्ञों ने हिस्सा लिया. आइएमओ को गणित का दुनिया का बैटल ऑफ ब्रेंस कहा जाता है. ओलिंपयाड में कुल 527 छात्रों ने हिस्सा लिया, जिनमें 45 छात्रों को गोल्ड , 92 को सिल्वर व 141 को कांस्य पदक मिले. पांच गोल्ड मेडल के साथ चीन को पहला स्थान मिला, जबकि भारत 29 वें स्थान पर रहा.
शुभम ने कोलंबिया के अलावा ऑस्ट्रेलिया में भी देश का प्रतिनिधित्व करते हुए 37 वें प्रो हैरी मेसेल इंटरनेशनल साइंस स्कूल (आइएसएस 2013) में तमाम बड़े वैज्ञानिकों व गणितज्ञों की सराहना पायी. यहां उन्हें फिजिक्स फाउंडेशन का प्रतिष्ठित आइएसएस स्कॉलरशिप मिला.
यहां उन्हें भौतिकी के नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ ब्रायन शमीड से मिलने व चर्चा करने का मौका मिला. 31 जुलाई को वे मुंबई पहुंचे. दूसरे दिन गुरुवार को नेशनल बोर्ड ऑफ हाइअर मैथेमेटिक्स के सदस्यों, भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग के गणितज्ञों व अन्य प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों ने होमी भाभा सेंटर फॉर साइंस एडुकेशन में शुभम का स्वागत किया. इस अवसर पर शुभम ने कहा कि मेरा यह मेडल देश के नाम है. अब वह इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ साइंस में शोध करने के लिए बेंगलुरु जायेंगे.
शुभम ने पहली से दसवीं कक्षा तक की पढ़ाई पटना के सेंट जेवियर स्कूल से की. प्लस टू की पढ़ाई दिल्ली के बॉस्को पब्लिक स्कूल से की. उसने कम उम्र में ही कई प्रतियोगिताओं में सफलता हासिल की. 2009 में शुभम ने रिजनल मैथ ओलिंपियाड (आरएमओ) में सफलता पायी, जब वह कक्षा नौ के छात्र थे. उन्होंने 2011 में 100 में 100 लाकर आरएमओ का रिकॉर्ड तोड़ा. इसके बाद उन्होंने लगातार नयी ऊंचाइयों को छूआ. एडवांस आरएमओ में भी सफलता दर्ज की. बाद में राष्ट्रीय मैथेमेटिक्स ओलिंपियाड में भी सफलता के झंडे गाड़े. शुभम की माता का नाम डॉ गिन्नी जखनवाल व पिता का नाम पंकज कुमार सिन्हा है.