पटना: इन दिनों बिजली बिल की गड़बड़ी से आम उपभोक्ता हैरान-परेशान हैं. पेसू के प्रमंडल कार्यालयों में हर दिन बिल में गड़बड़ी से संबंधित दर्जनों शिकायत पहुंच रही है. बिल हजारों रुपये अधिक आ रहे हैं. इसकी शिकायत करने उपभोक्ता पहुंचते हैं, तो कोई सुनवाई नहीं होती है.
क्या है वजह
पेसू के इंजीनियर अधिकतर बिजली बिल में गड़बड़ी की वजह मंथली मिनिमम चार्ज (एमएमसी) को बताते हैं. इंजीनियरों ने बताया कि मीटर खराब होने के काफी दिन बाद लग रहे मीटर में ऐसी परेशानी हो रही है. उपभोक्ताओं से मीटर खराब अवधि का औसत बिल लेकर नया मीटर लगा दिया जाता है. इसके बाद नये मीटर का पहला बिल आने पर उसमें मंथली मिनिमम चार्ज जोड़ दिया जाता है. यह उस महीने में खपत की गयी ऊर्जा के आधार पर तय होता है.
क्या है मंथली मिनिमम चार्ज
मसलन किसी उपभोक्ता का मीटर छह महीने खराब रहा. नया मीटर लगाने से पहले उनसे हर महीने औसत राशि के आधार पर एक निश्चित राशि ली जाती है. उसके बाद नये मीटर के पहले बिल का इंतजार किया जाता है. पहले बिल के आधार पर यह देखा जाता है कि उस परिसर की खपत कितनी है. अगर खपत अधिक है, तो जमा की गयी औसत राशि व औसत बिल के अंतर को नये बिल में जोड़ दिया जाता है.