पटना: रावण वध कार्यक्रम के दौरान भगदड़ में 33 लोगों की मौत मामले में सामान्य प्रशासन और गृह विभाग ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है. सोमवार को मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि रिपोर्ट के बाद संबंधित विभाग को कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया गया है.
जनता दरबार के बाद संवाददाताओं से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच में दोषी अधिकारियों पर किस स्तर की कार्रवाई होगी. यह विभाग को तय करना है. इधर,सामान्य प्रशासन और गृह विभाग से जुड़े आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि दशहरा हादसे के लिए दोषी अधिकारियों को जल्द ही ‘शो काउज’ जारी किया जायेगा.
पहले संबंधित अधिकारियों से हादसे पर उनका बयान लिया जायेगा. स्पष्टीकरण की समीक्षा होगी और जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर विभागीय कार्रवाई शुरू की जा सकती है. सूत्र बताते हैं कि इस संबंध में भारतीय प्रशासनिक सेवा और भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों के साथ ही बिहार प्रशासनिक सेवा और बिहार पुलिस सेवा के भी करीब एक दर्जन से अधिक अधिकारियों से जवाब मांगा जायेगा. उल्लेखनीय है कि दशहरा हादसे के बाद गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी और एडीजी (मुख्यालय) गुप्तेश्वर पांडेय की दो सदस्यीय जांच कमेटी ने पटना के तत्कालीन डीएम मनीष कुमार वर्मा, पटना नगर निगम के आयुक्त कुलदीप नारायण, पटना के तत्कालीन एसएसपी मनु महाराज व ट्रैफिक एसपी को आरंभिक तौर पर जिम्मेवार ठहराया है. इनके अधीनस्थ दर्जनों अधिकारियों पर भी कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है.
नगर निगम भंग करने का नहीं मिला प्रस्ताव
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें पटना नगर निगम को भंग करने और इसके निगम आयुक्त को हटाने का कोई प्रस्ताव अभी नहीं मिला है. अगर यह प्रस्ताव उन्हें मिलता है, तो वे पहले इस मामले में कानून के जानकारों से इस पर राय लेंगे और तभी किसी तरह का कोई निर्णय लिया जायेगा.