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शराब को 15 जनवरी तक करना होगा बोतल का इंतजार

पटना: राज्य में चालू वित्त वर्ष में देसी शराब का ठेका इस शर्त पर कंपनियों को दिया गया था कि जुलाई 2014 से पेट बोतल (खास किस्म के प्लास्टिक बोतल)में होलोग्राम लगा कर इसे बेचेंगे, लेकिन चार महीने बीतने के बाद भी ठेका लेने वाली कंपनियों ने पेट बोतल में देशी शराब बेचना शुरू नहीं […]

पटना: राज्य में चालू वित्त वर्ष में देसी शराब का ठेका इस शर्त पर कंपनियों को दिया गया था कि जुलाई 2014 से पेट बोतल (खास किस्म के प्लास्टिक बोतल)में होलोग्राम लगा कर इसे बेचेंगे, लेकिन चार महीने बीतने के बाद भी ठेका लेने वाली कंपनियों ने पेट बोतल में देशी शराब बेचना शुरू नहीं किया.

अब उत्पादन एवं मद्य निषेध विभाग ने ठेका लेने वाली सभी कंपनियों को पेट बोतल में देसी मदिरा बेचने की नयी डेटलाइन 15 जनवरी 2015 जारी की है. विभाग का कहना है कि तय समयसीमा में जो कंपनी पेट बोतल में होलोग्राम लगा कर देसी शराब बेचना शुरू नहीं करेंगी,उन्हें ब्लैक लिस्टेड किया जायेगा. उनका लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है. जिन जिलों में कंपनियों का लाइसेंस रद्द होगा,वहां दूसरी कंपनियों को इसका काम सौंपा जायेगा.

17 कंपनियों को ठेका : जिन 17 कंपनियों को ठेका मिला है. इनमें से किसी कंपनी ने पेट बोतल में शराब बेचने के लिए निर्माण स्थल तैयार नहीं किया है. कई कंपनियों ने तो इसके निर्माण स्थल का काम ही शुरू नहीं किया है. ऐसे में यह मुश्किल है कि जनवरी 2015 तक की डेटलाइन के अंदर इनका निर्माण स्थल तैयार हो जायेगा. निर्माण स्थल तैयार नहीं होने पर कंपनियां पेट बोतल में शराब तैयार कर सकती हैं और न ही इनका सप्लाइ ही कर सकती हैं. दो क्षेत्र पूर्णिया और रोहतास का ठेका काफी देर से होने के कारण यहां की कंपनियों को इस डेटलाइन से बाहर रखा गया है.
कंपनियों को शोकाउज : 38 जिलों को 17 जोन में बांट कर इनकी बंदोबस्ती की गयी है. इस साल जुलाई की डेटलाइन तक पेट बोतल में देसी मदिरा बेचने की शुरुआत नहीं करने के कारण 17 कंपनियों को सितंबर महीने में ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी कर सात दिनों में इनसे जवाब मांगा गया था. कंपनियों ने जवाब देकर अक्तूबर तक की मोहलत मांगी थी, लेकिन अब तक किसी कंपनी का निर्माण स्थल तैयार नहीं हो सका है.
इसके मद्देनजर विभाग ने अब जनवरी 2015 की नयी डेटलाइन दी है. बोतल पर होलोग्राम भी होगा लगा : देशी शराब जिस पेट बोतल में बिकेगी. उस पर खास किस्म का होलोग्राम भी होगा. थ्री डी होलोग्राम में बिहार सरकार के चिह्न् के अलावा कम्प्यूटर कोड और लेजर प्रिंटिंग से विभाग का चिह्न् भी बना होगा. इसकी डूप्लिकेसी नहीं की जा सकेगी. पेट बोतल और होलोग्राम का मकसद देसी मदिरा की शुद्धता को बनाये रखना है. नकली शराब की सबसे ज्यादा शिकायत देसी मदिरा में ही मिलती है.
चालू वित्त वर्ष में पेट बोतल में देसी शराब की बिक्री शुरू कर दी जायेगी. सभी कंपनियों को जनवरी की डेटलाइन दी गयी है. इसके बाद जो कंपनियां अपना निर्माण स्थल तैयार नहीं करेंगी. उनका टेंडर लाइसेंस रद्द कर दिया जायेगा.
अवधेश प्रसाद कुशवाहा
मंत्री, उत्पादन एवं मद्य निषेध विभाग

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