मुख्यमंत्री की कुरसी छोड़ने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करने निकले जदयू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार गुरुवार को नये तेवर में दिखे. संपर्क यात्रा के पहले ही दिन उन्होंने भाजपा के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार करते हुए काले धन, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और न्यूनतम समर्थन मूल्य के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खरी-खरी सुनायी.
आमतौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेने से बचते रहे नीतीश ने आज मोदी जी कह कर हमला बोला. उन्होंने नरेंद्र मोदी के पुराने भाषण को जनता को सुना कर पीएम व भाजपा को एक्सपोज करने की अपील की. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि जिस एनसीपी को मोदी जी ने भ्रष्टाचारवादी कांग्रेस पार्टी बताया था, अब उसी के समर्थन से महाराष्ट्र में सरकार चला रहे हैं. नीतीश ने संपर्क यात्रा की शुरुआत बेतिया में सभा से की. उन्होंने मोतिहारी में भी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया.
शैलेंद्र/मिथिलेश, बेतिया/मोतिहारी
जहर का असर तेजी से होता है, जबकि दवा धीरे-धीरे काम करती है. देश में जहर फैला कर वोट ले लिया. अब काम करने की बारी आयी, तो वादों पर अमल नहीं कर रहे हैं. हमें इनके जहर को काटना होगा. दवा करनी होगी. ये बातें पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बेतिया के महाराजा स्टेडियम में संपर्क यात्रा की शुरुआत करते हुए कहीं. उन्होंने सीधे तौर पर भाजपा पर हमला बोला. बेतिया के बाद मोतिहारी जिला स्कूल की सभा में भी पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा व पीएम नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया.
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को कहा, अब अफवाह फैलानेवालों की पोल खोलनी होगी. आप लोगों को गांवों में नियमित चौपाल से लेकर छोटी-छोटी सभाएं करके सच्चई बतानी होगी. पूर्व मुख्यमंत्री ने संपर्क यात्रा के बहाने ही 2015 में होनेवाले विधानसभा चुनाव का बिगुल भी फूंक दिया. उन्होंने उन सभी मुद्दों पर भाजपा को घेरा, जिनके बल पर लोकसभा चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी ने वोट मांगा था. उन्होंने नरेंद्र मोदी से लेकर सुशील मोदी व नंदकिशोर यादव तक पर निशाना साधा. उन्होंने हाल में केंद्रीय मंत्रिपरिषद के हुए विस्तार पर भी चुटकी ली और कहा, यहां के नेताओं को थान नहीं,कटपीस विभाग दिये गये हैं. राज्यमंत्री को वही काम मिलता है, जो कैबिनेट मंत्री देता है.
हम सिद्धांत की राजनीति करनेवाले
बेतिया व मोतिहारी में पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत महात्मा गांधी के उस आदर्श के साथ की, जिसमें सिद्धांत की राजनीति की बात कही गयी है. नीतीश कुमार ने कहा, हम सिद्धांतों की राजनीति करनेवाले हैं. हमारे लिए सत्ता साधन है, साध्य नहीं. इसलिए जब मौका आया, तो हमने कुरसी छोड़ दी. हमारे लिए बापू की सीख बड़ी है. हम इस पर तब तक चलते रहेंगे, जब तक हमारे शरीर में खून का अंतिम कतरा रहेगा. चंपारण की धरती ऐसी है, जिसने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को आकर्षित किया. 1917 में उन्होंने यहां से जो आंदोलन का बिगुल बजाया. उसके 30 साल के अंदर ही देश को आजादी मिल गयी. हमारा सौभाग्य है कि हम इस भूमि पर हैं. यही वजह है कि हमने अपनी सभी यात्राओं की शुरुआत यहीं से की है, चाहे 2005 की न्याय यात्रा हो या उसके बाद की सेवा, विकास व विश्वास यात्राएं. हमने संपर्क यात्रा की शुरुआत भी यहीं से की है.
कब लायेंगे काला धन
पूर्व मुख्यमंत्री ने इसके बाद काले धन का मुद्दा उठाया. कहा, लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने 100 दिनों के अंदर विदेशों में जमा काला धन का पाई-पाई वापस लाने की बात कही थी. उन्होंने दावा किया था, अगर काला धन वापस आयेगा, तो देश के हर नागरिक को 15 से 20 लाख रुपये ऐसे ही मिल जायेंगे. अब सत्ता में आये 150 दिन हो गये हैं, लेकिन काले धन की एक भी पाई वापस नहीं आयी है. सरकार सुप्रीम कोर्ट में उनलोगों के नाम नहीं बताना चाहती थी. जैसा पहले की कांग्रेस सरकार कर रही थी. जब सुप्रीम कोर्ट का डंडा चला, तो सूची सौंपी गयी, लेकिन उसके बारे में अखबारों में जो खबरें आ रही हैं, उनसे मालूम होता है कि जो नाम दिये गये हैं, उनमें से आधे के खातों में पैसा ही नहीं हैं. कई लोगों के नाम सूची में कई बार लिख दिये गये हैं. आखिर यह कैसी सूची है, जो सरकार ने सौंपी है.
बाबा को आप जानते हैं?
पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के रेडियो पर आनेवाली मन की बात का भी जिक्र किया. कहा, अब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कि काला धन लाने के लिए हम वचनबद्ध हैं, लेकिन अब हिसाब नहीं बता रहे. आज जब आप प्रधानमंत्री हैं, तो हिसाब का पता नहीं हैं, तो कल कैसे बता रहे थे कि आम लोगों के खाते में काले धन के 15 से 20 लाख रुपये आ जायेंगे. नीतीश कुमार ने काले धन पर बाबा रामदेव के भाषण का भी जिक्र किया. उन्होंने उनके बयान पर चुटकी ली और कहा, ये बाबा हैं. आप इनकी आवाज तो पहचानते ही होंगे?
हम काम करते रहें
पूर्व मुख्यमंत्री ने पार्टी कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाते हुए कहा, हम तो पिछले साढ़े आठ साल शासन व्यवस्था सुधारने व काम करने में ही रह गये. यात्राएं कीं, लेकिन आप लोगों से नहीं मिल सके. अब आगे से ऐसा नहीं होगा, अगर आप लोगों की मेहनत से जनता ने हम पर फिर से विश्वास जताया और हम सत्ता आये, तो ऐसी व्यवस्था करेंगे, विकास में हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं का भी सहयोग हो. वे उस पर नजर रखें. आप यहां से वापस जाकर अपने क्षेत्र में लोगों को पार्टी व उसकी नीतियों के बारे मे बताएं.
इसके पहले जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने संपर्क यात्रा के उद्देश्य के बारे में कार्यकताओं को बताया. बेतिया की सभा की अध्यक्षता जदयू जिलाध्यक्ष एनएन शाही ने की, जबकि मोतिहारी में अध्यक्षता जिलाध्यक्ष प्रमोद कुमार सिन्हा ने की. इस मौके पर पीएचइडी मंत्री महाचंद्र प्रसाद सिंह, जदयू के प्रदेश महासचिव शैलेंद्र प्रताप सिंह समेत कई नेता मौजूद थे.
महाराष्ट्र में क्या हुआ?
पूर्व सीएम ने महाराष्ट्र में भाजपा सरकार के विश्वास मत प्राप्त करने के तरीके पर सवाल उठाया. उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा, यह बात आपको लोगों के सामने रखनी चाहिए. हम तो पहले आतंक राज की बात करते थे, तब भाजपा उसे जंगल राज कहती थी. उपचुनाव में हमने बिहार में आरजेडी से समझौता कर लिया, तो हमारे ऊपर सवाल उठाये जाने लगे, लेकिन भाजपा ने महाराष्ट्र में क्या किया? वहां अभी भाजपा की सरकार किसके समर्थन से चल रही है. जिस एनसीपी को प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी भ्रष्टाचारवादी कांग्रेस पार्टी बता रहे थे. अब उसी के समर्थन से सरकार चला रहे हैं. आखिर कहां गया भ्रष्टाचार का मुद्दा?
चेक दीजिएगा या नकद
नीतीश ने नरेंद्र मोदी के भाषण की वह ऑडियो क्लिप सुनायी, जिसमें उन्होंने काले धन को लेकर दावे किये थे. फिर कार्यकर्ताओं से पूछा, क्या आपके खातों में रुपया आया? अभी जो बोल रहे थे, उनकी आवाज आप पहचानते हैं न? कार्यकर्ताओं ने कहा- हां, पर पैसा नहीं आया है. फिर पूर्व सीएम ने पूछा,मोदी जी! आप काले धन का पैसा चेक से दीजिएगा या फिर कैश में. अरे आपने प्रधानमंत्री जन-धन योजना में जो पांच करोड़ खाते खुलवाये हैं, उनमें एक भी पैसा नहीं है. लेन-देन नहीं होने से दुर्घटना बीमा के एक लाख रुपये लैप्स होनेवाले हैं. काले धन का कुछ पैसा तो उनमें डलवा दीजिए, ताकि गरीबों को दुर्घटना होने पर बीमा का लाभ मिल सके. देर किस बात की है?
पूर्व मुख्यमंत्री की खरी-खरी
केंद्र के साथ राज्य में एक ही पार्टी की सरकार जरूरी नहीं
हमने बिहार में विकास का काम करके दिखाया, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में भी हुआ काम
दिल्ली साजिश रच रही, बिहार का हिस्सा काटा जा रहा, राज्य के लोग लड़ कर लेंगे अपना हक
लोगों का समर्थन नहीं मिला, सेवा में कहीं-न-कहीं चूक रही
केंद्रीय मंत्रिपरिषद में अल्पसंख्यक, महादलित कहां?
लोगों के नहीं, झाड़ के अच्छे दिन आये, दिल्ली में झाड़ की चले, तो समझ में आ जायेगा
अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में चलता था बिहार का सिक्का
तेल की कीमतें घटीं, तो रेल भाड़ा क्यों नहीं
कार्यकर्ता को टिप्स
गांवों में लगाएं चौपाल त्नकरें छोटी-छोटी सभाएं त्नखोलें अफवाहों की पोल
भाजपा के वादों की दिलाएं याद
सरकार के कामों को बताएंत्नभाजपा को दें सीधा जवाब
गांव स्तर पर मजबूत करें संगठन
सक्रिय रहें, सचेत रहें