पटना: राज्य सरकार ने दीघा अर्जित भूमि बंदोबस्ती स्कीम, 2014 में संशोधन कर दीघावासियों को बड़ी राहत देने का प्रयास किया है. बुधवार को राज्य कैबिनेट ने दीघा के जमीन मालिकों को आयकर स्लैब के तर्ज पर जमीन के आकार के आधार पर बंदोबस्ती शुल्क जमा कराने का नया प्रस्ताव मंजूर किया.
बंदोबस्ती शुल्क नयी एमवीआर के आधार पर वसूला जायेगा. इससे सभी प्रकार के जमीन मालिकों को राहत मिलेगी. दो कट्ठा जमीन के मालिकों को भी चार से पांच लाख रुपये तक की राहत मिलेगी.
कैबिनेट की बैठक के बाद कैबिनेट सचिव ब्रजेश मेहरोत्र ने बताया कि पहले दीघा की जमीन की बंदोबस्ती के लिए जो प्रावधान किये गये थे, उनमें कुछ संशोधन किया गया है.
अब दो कट्ठा जमीन के मालिकों से पूर्व की तरह ही 25 प्रतिशत बंदोबस्ती शुल्क वसूला जायेगा. लेकिन, दो से पांच कट्ठा जमीनवालों से पहले दो कट्ठे के लिए 25 प्रतिशत और शेष दो से तीन कट्ठा जमीन के लिए 50 प्रतिशत बंदोबस्ती शुल्क लिया जायेगा.
पांच कट्ठे से अधिक जमीनवालों से भी पहले दो कट्ठे के लिए 25 प्रतिशत व उसके बाद के तीन कट्ठे के लिए 50 प्रतिशत और पांच कट्ठे से अधिक जमीन होने पर पांच कट्ठे से अतिरिक्त जमीन पर सौ प्रतिशत की दर से बंदोबस्ती शुल्क लगेगा. उन्होंने बताया कि दीघा में प्रधान व मुख्य सड़क पर स्थित आवासीय प्लॉटों के मालिकों से पांच कट्ठे तक 75 प्रतिशत बंदोबस्ती शुल्क की वसूली होगी. ऐसी सड़क पर पांच कट्ठे से भी अधिक के प्लॉट मालिकों से बंदोबस्ती शुल्क के रूप में पहले पांच कट्ठे के लिए 75 प्रतिशत और शेष जमीन पर सौ प्रतिशत बंदोबस्ती शुल्क लगेगा.
सरकार ने पटना की जमीनों की नये सिरे से एमवीआर तय की है. इसके मुताबिक दीघा इलाके में प्रति डिसमिल आवासीय प्लॉट की दर 6.50 लाख रुपये निर्धारित की गयी है. तीन डिसमिल मिला कर करीब एक कटठा होता है. इस प्रकार दो कट्ठे के प्लॉट के मालिकों को नयी एमवीआर के मुताबिक मात्र नौ लाख रुपये सरकार को देने होंगे, जबकि इसके पहले उन्हें करीब करीब 13 लाख रुपये देने होते.