पटना: राज्य में मनरेगा की सभी योजनाएं ठप हो गयी हैं. इस योजना को लेकर फैली भ्रांति से राज्य सरकार भी असमंजस में फंस गयी है. ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्र ने कहा कि केंद्र सरकार स्पष्ट करे कि वह मनरेगा को बंद करना चाहती है या इसके स्वरूप में बदलाव करना चाहती है.
अगर केंद्र सरकार इस योजना को देश के चुनिंदा जिलों में चलाना चाहती है, तो इसे भी स्पष्ट करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मई से मनरेगा के तहत चलायी जानेवाली ग्रामीण संपर्कता योजना, बाढ़ नियंत्रण योजना, वाटर हाव्रेस्टिंग की योजना, पुराने जलस्नेतों के जीर्णोद्धार की योजना, सूखारोधी कार्य, सिंचाई के लिए नालों का निर्माण, अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों के लिए सिंचाई योजनाओं का प्रबंधन, भूमि विकास की योजना, ग्रामीण पेयजल की योजना और ग्रामीण स्वच्छता के तहत शौचालय निर्माण की योजनाएं ठप हो गयी हैं.
श्री मिश्र ने बताया कि केंद्र सरकार ने इस मद की राशि को लेकर मुट्ठी बांध ली है. वित्तीय वर्ष 2013-14 में 30 सितंबर तक केंद्र सरकार ने राज्यों के लिए 24,676 करोड़ रुपये जारी किये थे. इस वित्तीय वर्ष में 30 सितंबर तक महज 13,618 करोड़ ही राज्यों को दिये हैं. जिन मजदूरों ने मनरेगा के तहत काम किया है, उन्हें अब तक मजदूरी नहीं दी जा सकी है. विलंब होने पर अतिरिक्त भुगतान करना पड़ेगा.