आतंक की दस्तक: बिहार में पांव पसारने के फिराक में है जेएमबी

पटना: स्टूडेंट्स इसलामिक मूवमेंट इन इंडिया (सिमी) और इंडियन मुजाहिद्दीन (आइएम) जैसे आतंकी संगठनों का चरागाह बने बिहार में अब एक और नये आतंकी संगठन ने दस्तक देना शुरू कर दिया है. संगठन आइएम और सिमी से कहीं अधिक खतरनाक और मजबूत बताया जाता है. इसकी जड़े पाकिस्तान में नहीं, बल्कि पड़ोसी देश बांग्लादेश से […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 1, 2014 6:07 AM
पटना: स्टूडेंट्स इसलामिक मूवमेंट इन इंडिया (सिमी) और इंडियन मुजाहिद्दीन (आइएम) जैसे आतंकी संगठनों का चरागाह बने बिहार में अब एक और नये आतंकी संगठन ने दस्तक देना शुरू कर दिया है. संगठन आइएम और सिमी से कहीं अधिक खतरनाक और मजबूत बताया जाता है. इसकी जड़े पाकिस्तान में नहीं, बल्कि पड़ोसी देश बांग्लादेश से जुड़ी हैं.

तालिबान का बांग्लादेशी संस्करण के नाम से कुख्यात इस आतंकी संगठन को ‘जमात-उल-मुजाहिद्दीन बंगलादेश’ (जेएमबी) के नाम से जाना जाता है. इस आतंकी संगठन की सबसे चौंकाने वाली खासियत यह है कि यह पश्चिम बंगाल के अलग-अलग जिलों में अपने अलग-अलग नामों से जाना जाता है. गृह मंत्रलय ने खुफिया सूचनाओं के आधार पर बिहार में इस आतंकी संगठन के विस्तार की भावी योजनाओं से बिहार सरकार को अवगत कराया है. साथ ही बिहार के उन जिलों में विशेष सतर्कता और चौकसी के निर्देश दिये गये हैं, जो जिले पश्चिम बंगाल और पड़ोसी देश बांग्लादेश से काफी करीब हैं.

मेघालय व असम से भी जुड़े हैं तार
जांच के क्रम में इस आतंकी संगठन के तार मेघालय और असम से भी जुड़े पाये गये हैं. एनआइए ने अपनी जांच में पाया है कि इस आतंकी संगठन ने बिहार के भी कई जिलों को अपनी आतंकी गतिविधियों में शामिल कर रखा है. बिहार के ये जिले या तो बांग्लादेश की सीमा से काफी करीब हैं या फिर पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल की सीमा से लगे हैं.

गृह मंत्रालय द्वारा भेजे गये अलर्ट में कहा गया है कि यह आतंकी संगठन बिहार के उन जिलों से अपनी गतिविधियों का संचालन करने की फिराक में है जहां प्रशासनिक मुस्तैदी का घोर अभाव है. इन जिलों में भागलपुर, बांका, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज और अररिया जैसे जिले शामिल हैं. खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि वर्धमान विस्फोट के बाद एनआइए और आइबी ने मिल कर इस आतंकी संगठन के संबंध में एक डोजियर भी तैयार किया है, जिसे अगले कुछ ही दिनों में बांग्लादेश की सरकार को सौंपा जाना है. इस डोजियर में इस आतंकी संगठन के बांग्लादेश स्थित चटगांव और बंदारबान में चल रहे आतंकी कैंपों के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गयी है. भारत सरकार ने इस डोजियर में बर्धमान विस्फोट की जांच से जुड़ी स्टैटस रिपोर्ट के बारे में भी पूरी जानकारी उपलब्ध करायी है. इस आतंकी संगठन की निगाह बिहार के बेरोजगार युवकों पर भी है.

पश्चिम बंगाल को बांग्लादेश के साथ मिलाना है मुख्य मकसद
पिछले दिनों पश्चिम बंगाल के वर्धमान में एक रिहायशी इलाके के एक मकान में हुए विस्फोट और उसमें मारे गये दो आतंकियों के संबंध में अपनी जांच में एनआइए ने कई चौंकानेवाली बातों का खुलासा किया है. जांच की शुरुआत में इस विस्फोट के संबंध सिमी और आइएम के साथ जोड़ कर देखा जा रहा था, लेकिन एनआइए ने जब इसकी जांच शुरू की तो पता चला कि इस आतंकी संगठन की जड़ें पड़ोसी देश बांग्लादेश के साथ जुड़ी हैं. जांच में यह भी पता चला कि इस आतंकी संगठन का मुख्य मकसद पश्चिम बंगाल को बांग्लादेश के साथ मिलाना है और और इसका पूरा खाका तैयार किया जा चुका है.

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