पटना/बिहटा: रविवार की अहले सुबह दानापुर रेल मंडल के बिहटा स्टेशन व पाली हॉल्ट के बीच हथियारबंद अपराधियों ने लूट का विरोध करने पर दो यात्रियों को चलती ट्रेन से बाहर फेंक दिया. यह घटना 12141 डाउन लोकमान्य तिलक-राजेंद्र नगर सुपर फास्ट एक्सप्रेस में दिलावरपुर गांव के पास समपार फाटक संख्या 46 सी के समीप घटी.
लुटेरों द्वारा ट्रेन से बाहर फेंके जाने के क्रम में दोनों यात्री रेलवे की पोल से टकरा गये. इसमें एक की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया है.
ब्लू जींस व शर्ट पहना था मृतक : मृतक की पहचान नहीं हो सकी है. वह लगभग 20 साल का था और ब्लू रंग का जींस पैंट व ब्लू रंग की ही चेकदार शर्ट पहने हुए था. पैंट में लाल बेल्ट लगा था. जख्मी यात्री की पहचान उसके पास मौजूद वोटर आइ-कार्ड से हुआ है. घायल यात्री पूर्णिया के अमौर के तालबाड़ी चौक निवासी मो शफीक का बेटा मो शहरोज है. उसके सिर में काफी चोट लगी है, जिससे उसका पीएमसीएच की इमरजेंसी में इलाज चल रहा है. बयान लेने पहुंची पहुंची जीआरपी भी उसकी हालत देख कर अपना काम नहीं कर सकी. इधर, बिहटा जीआरपी ने मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए दानापुर भेज दिया है. उधर घायल शहरोज का कहना है कि वह मुंबई में रह कर दो-तीन माह से टेलर का काम करता है. बकरीद पर घर आ रहा था.
दरअसल, सुबह में जब स्थानीय लोग खेतों में जा रहे थे, तो किसी घायल युवक के कराहने की आवाज सुन कर वहां पहुंचे, तो देखा कि एक युवक मृत पड़ा था तथा दूसरा घायल अवस्था में कराह रहा था. घटनास्थल पोल संख्या 572-22 पर खून के धब्बे फैले थे. वहीं पर तैनात की मैन संजय राम ने बताया कि वह सुबह करीब साढ़े सात बजे उक्त पोल के समीप पहुंचा, तो शव पड़े होने की जानकारी मिली. इसकी सूचना दिलावरपुर समपार फाटक संख्या 46 सी के गेट मैन को दी. वहीं गेटमैन विश्वमोहन ने भी बिहटा स्टेशन के अधिकारियों को इससे अवगत कराया.
किस काम की स्पेशल टीम
पटना. आये दिन ट्रेनों में बढ़ रही वारदातों से यात्री दहशत में हैं. कुछ माह पहले ही रेल पुलिस के अधिकारियों ने वारदातों को रोकने के लिए सादी वरदी में महिला-पुरुष जवानों को तैनात करने की बात कही थी. इसके बाद घटनाएं रुक नहीं रही हैं. दरअसल त्योहारों को देखते हुए रेल पुलिस ने बैठक कर तीन स्पेशल टीमें बनायीं. इसके तहत खासकर दिल्ली, कोलकाता व मुंबई से आनेजाने वाली ट्रेनों में विशेष चौकसी बढ़ाने का निर्णय लिया गया. इतना ही नहीं, इसके लिए टीमों में 40 से अधिक जवान तैनात किये गये हैं.
आरा में चढ़े थे लुटेरे
आरा स्टेशन पर करीब एक दर्जन लुटेरे जनरल बोगी में चढ़े थे. आरा से ट्रेन के खुलने के कुछ समय बाद ही सभी लुटेरों ने हथियार के बल पर लूटपाट करना शुरू कर दिया. शहरोज ने बताया कि लुटेरों ने उसके पास व उक्त अज्ञात यात्री के पास पहुंच कर चाकू व हथियार के बल पर पैसे देने की धमकी दी. दोनों ने लूटपाट का विरोध किया. इस पर लुटेरों ने पहले मारपीट की, फिर दोनों को चलती ट्रेन से बाहर फेंक दिया. इधर शहरोज के पिता मो सिराज ने बताया कि उन लोगों को पुलिस से जानकारी मिली है. यह नहीं पता चला कि यह घटना कैसे हुई?
रेल एसपी का इनकार
रेल एसपी उपेंद्र कुमार सिन्हा के अनुसार अनुसंधान में अभी तक ऐसे एक भी तथ्य सामने नहीं आया है, जिससे घटना को लूट कहा जाये. दिलावरपुर के लोगों ने 7.50 बजे इसकी जानकारी बिहटा जीआरपी को दी. पुलिस ने कोच के गार्ड, टीटी व अन्य लोगों से पूछताछ की, पर किसी ने दोनों को नीचे फेंके जाने की बात नहीं बतायी. वे दोनों किस परिस्थिति में नीचे गिरे, उस पर अनुसंधान जारी है. उन्होंने बताया कि उन दोनों के पास टिकट भी नहीं थी. दोनों बिहटा स्टेशन से आरा की ओर जानेवाले रेल ट्रैक पर चार किलोमीटर की दूरी पर पड़े थे. वहीं बिहटा जीआरपी थानाध्यक्ष एके चंद्रा ने भी लूट की घटना के बारे में अनभिज्ञता जाहिर की.