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असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति: पीजी में 55 फीसदी अंकवाले सभी कर सकेंगे आवेदन

पटना: राज्य में 3,364 असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति के लिए पीजी में 55 फीसदी अंक लानेवाले सभी अभ्यर्थी आवेदन कर सकेंगे. आवेदन करने के लिए उन्हें न तो यूजीसी की 2009 की गाइडलाइन के अनुसार पीएचडी होना आवश्यक होगा और न ही नेट क्वालिफाइ करना जरूरी होगा. लेकिन, उन्हें इंटरव्यू के लिए तभी बुलाया जायेगा, […]

पटना: राज्य में 3,364 असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति के लिए पीजी में 55 फीसदी अंक लानेवाले सभी अभ्यर्थी आवेदन कर सकेंगे. आवेदन करने के लिए उन्हें न तो यूजीसी की 2009 की गाइडलाइन के अनुसार पीएचडी होना आवश्यक होगा और न ही नेट क्वालिफाइ करना जरूरी होगा. लेकिन, उन्हें इंटरव्यू के लिए तभी बुलाया जायेगा, जब वह दिसंबर, 2014 में होनेवाली राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) क्वालिफाइ कर लेंगे. शिक्षा विभाग ने पीजी कर चुके छात्र-छात्राओं को राहत देते हुए बड़ा फैसला किया है. गुरुवार को शिक्षा मंत्री वृशिण पटेल ने इसकी घोषणा की.
विभाग में आयोजित प्रेस क्रॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि यूजीसी की 2009 की गाइडलाइन से पहले भी पीएचडी करनेवालों समेत वैसे अभ्यर्थी, जो पीजी में 55 फीसदी अंक लाये हैं, वे आवेदन तो कर सकेंगे, लेकिन दिसंबर, 2014 में होनेवाले राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) क्वालिफाइ करना होगा. जो छात्र क्वालिफाइ कर पायेंगे, उन्हें इंटरव्यू के लिए बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) बुलायेगा.
क्यों हुआ नियमों में संशोधन
बीपीएससी द्वारा निकाले गये विज्ञापन के अनुसार, अब तक नेट पास या फिर यूजीसी की 2009 की गाइडलाइन के अनुसार पीएचडी करनेवाले ही आवेदन कर पा रहे थे.सूबे भर में इसका विरोध हो रहा था. यूजीसी की 2009 की गाइडलाइन के अनुसार पीएचडी करनेवाले बिहार के छात्र नहीं के बराबर हैं, क्योंकि यूजीसी की 2009 गाइडलाइन के अनुसार बिहार के कुछ विवि में नवंबर, 2012 से पीएचडी शुरू हुई है. इस वजह से शिक्षा विभाग ने इसमें संशोधन करते हुए बिना नेट किये व बिना पीएचडी किये अभ्यर्थियों को भी आवेदन भरने की अनुमति दी है.
शिक्षा मंत्री ने बताया कि यूजीसी की 2009 की गाइडलाइन के अनुसार पीएचडी करनेवालों को प्राथमिकता से बिहार में पूर्व में पीएचडी धारण करनेवाले छात्रों के साथ नाइंसाफी हो रही थी. यूजीसी भी नेट की अहर्ता से कम पर कॉम्परमाइज करने को तैयार नहीं है. इसलिए बिहार सरकार ने उपाय निकाला कि जो लोग भी पूर्व में पीएचडी कर चुके हैं, उन्हें भी अनुमति दी जाये. ऐसे पीएचडी होल्डर अभ्यर्थियों को नेट पास होने के बाद पांच मेधा अंक मिलेंगे.
पीएचडी या एम-फिल मेधा अंक
एनइटी के साथ यूजीसी की 2009 की गाइडलाइन से पीएचडी करनेवाले 10
बिना एनइटी के यूजीसी की 2009 की गाइडलाइन से पीएचडी करनेवाले 07
एनइटी हैं, पर यूजीसी की 2009 की गाइडलाइन से पीएचडी नहीं है, तो 05
यूजीसी की 2009 की गाइडलाइन के साथ एम-फिल और एनइटी 04
यूजीसी की 2009 गाइडलाइन 2009 के बिना एम-फिल और एनइटी 02
अगले सत्र से पहले नहीं मिल सकेंगे शिक्षक
विश्वविद्यालयों को जुलाई, 2015 सत्र से पहले नये शिक्षक मिलने की संभावना कम लग रही है. शिक्षा विभाग द्वारा छात्र-छात्रओं की सुविधा के लिए लिये गये निर्णय से अब 20 नवंबर तक तो अभ्यर्थी आवेदन ही करेंगे. इसके बाद बीपीएससी उन आवेदनों की स्क्रूटनी करेगा. इसमें वैसे अभ्यर्थियों के भी आवेदन रहेंगे, जो दिसंबर में होनेवाले नेट में बैठेंगे. नेट के रिजल्ट आने तक बीपीएससी इंटरव्यू का शिडय़ूल जारी नहीं कर सकेगा. फिलहाल जून, 2014 में हुए नेट का फाइनल रिजल्ट अब तक नहीं आ सका है. ऐसे में दिसंबर में होनेवाले नेट का परिणाम मार्च-अप्रैल से पहले आने की संभावना कम है. ऐसे में इंटरव्यू की तिथि नेट (दिसंबर) के रिजल्ट आने के बाद ही निकल पायेगा. इंटरव्यू में भी करीब एक महीने का समय लग सकता है और असिस्टेंट प्रोफेसरों का अंतिम रूप से चयन करते-करते 2015 का नया सत्र भी शुरू हो जायेगा.
उम्मीद से चार-पांच गुना आयेंगे आवेदन
असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति के लिए अब तक यूजीसी की 2009 की गाइडलाइन से पीएचडी या फिर नेट होना आवश्यक था, लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा इसमें छूट देने के बाद ज्यादा-से-ज्यादा अभ्यर्थियों के आवेदन करने की संभावना है. विभाग के एक अधिकारी की मानें, तो अब तक जितना समझा जा रहा था, उससे अब चार से पांच गुना ज्यादा आवेदन आयेंगे. इन आवेदनों की स्क्रूटनी करने में बीपीएससी को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी.
3,364 पदों पर होनी है नियुक्ति
सूबे के 10 विश्वविद्यालयों में कुल 3,364 पदों पर असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति होनी है. इसमें सबसे ज्यादा मनोविज्ञान विषय में 290 पदों पर नियुक्ति होगी, जबकि सबसे कम श्रम व समाज कल्याण और दर्शनशास्त्र में एक-एक असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्त होंगे. मनोविज्ञान के बाद राजनीति शास्त्र में 277, इतिहास में 261, हिंदी व भौतिकी में 250-250, रसायन शास्त्र में 239, अंगरेजी में 238 और अर्थशास्त्र में 236 असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति होगी. इसके अलावा प्राचीन भारतीय इतिहास व पुरातत्व, पत्रकारिता में दो, औद्योगिक प्रबंध व कार्मिक प्रबंध में तीन, औद्योगिक संबंध व कार्मिक प्रबंधन, इलेक्ट्रॉनिक, भूगर्भशास्त्र, गांधी विचार, इस्लामिक अध्ययन और प्रबंधन में चार-चार, अरबी में छह और वेद में आठ शिक्षकों की नियुक्ति होगी.
विषय कुल सीटें
अरबी 06
अंगरेजी 238
उर्दू 102
फारसी 16
मैथिली 52
संस्कृत 57
हिंदी 250
दर्शन शास्त्र 134
अर्थशास्त्र 236
इतिहास 261
गृह विज्ञान 52
भूगोल 107
मनोविज्ञान 290
राजनीति शास्त्र 277
समाज शास्त्र 48
प्राचीन भारतीय इतिहास व पुरातत्व 02
प्राचीन भारतीय इतिहास व संस्कृति 13
प्राचीन भारतीय इतिहास व एशियन अध्ययन 27
औद्योगिक प्रबंध व कार्मिक प्रबंध 03
औद्योगिक संबंध व कार्मिक प्रबंधन 04
श्रम व समाज कल्याण 01
भौतिकी 250
रसायन शास्त्र 239
वनस्पति शास्त्र 138
जंतु विज्ञान 177
सांख्यिकी 11
गणित 170
भूगर्भ शास्त्र 04
इलेक्ट्रॉनिक्स 04
वाणिज्य 86
शिक्षा 15
विधि 18
गांधी विचार 04
इस्लामिक अध्ययन 04
प्रबंधन 04
पत्रकारिता 02
साहित्य 12
व्याकरण 30
ज्योतिष 11
वेद 08
दर्शन 01
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कुल :- 3,364

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