पटना/ ग्वालियर के सिंधिया स्कूल में अपने बेटे आदर्श के साथ हुई रैगिंग के मामले में रविवार को सहकारिता मंत्री जय कुमार सिंह ने मध्यप्रदेश पुलिस को बयान दर्ज किया. श्री सिंह ने अपने बयान में कहा कि उनके पुत्र ने आत्महत्या की कोशिश नहीं की है. उन्हें आशंका है कि उनके पुत्र की हत्या का प्रयास किया गया था. इस मामले में पुलिस ने स्कूल के कई छात्रों से भी पूछताछ की.
थोड़ी देर के लिए खोली आंख
उधर, आदर्श की हालत में मामूली सुधार हुआ है. रविवार की सुबह भी उसने आंखें खोली थीं. इसके बाद वह गहरी बेहोशी में चला गया. नयी दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भरती आदर्श को डॉक्टरों ने जीवनरक्षक मशीन पर ही रखा है. डॉक्टरों ने उसे बेहतर इलाज के लिए विदेश ले जाने से मना कर दिया. डॉक्टरों का कहना है कि जो इलाज विदेश में होगा, वह यहां हो रहा है. इस मामले पर मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान से बात करने की कोशिश की थी, लेकिन वे हवाई यात्र पर थे. इसलिए उनके पास मैसेज छोड़ दिया गया है और इस घटना के दोषियों पर कार्रवाई किये जाने की अपील की गयी है. वहीं, बिहार विधान परिषद सदस्य विनोद सिंह रविवार को ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक से मिले और इस मामले पर जल्द-से-जल्द कार्रवाई करने की मांग की. इस पर एसपी ने उन्हें कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.
उच्चस्तरीय जांच कमेटी बनी
इधर, मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि इस मामले पर उच्चस्तरीय जांच कमेटी बनायी गयी है. बच्चे के साथ र्दुव्यवहार किया गया है. आदर्श की ऐसी प्रवृत्ति नहीं है कि जिससे कहा गया कि उसने आत्महत्या की कोशिश की होगी. इसलिए वे खुद इस मामले को गंभीरता से देख रहे हैं और सहकारिता मंत्री जय सिंह से लगातार संपर्क में हैं. सिंधिया स्कूल के तीन सीनियर छात्र जिनमें एक भाजपा सांसद का रिश्तेदार है, से पुलिस द्वारा पूछताछ किये जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चे पवित्र होते हैं और भगवान का रूप होते हैं. घटना को पार्टी लाइन से नहीं देखा जाना चाहिए. बच्चों को भाजपा व जदयू से क्या लेना देना. बच्चों ने आउट ऑफ क्यूरिसीटी या उल्लास में जाने बिना ही कुछ गलत काम कर दिया होगा.
क्या है मामला
मंत्री जय कुमार सिंह का बेटा आदर्श कुमार ग्वालियर के सिंधिया स्कूल में नौवीं का छात्र है. 20 अगस्त को वह रैगिंग का शिकार हुआ था. परिजनों ने इसे उसकी हत्या की साजिश करार दिया है, जबकि स्कूल प्रबंधन के सूत्रों की मानें, तो आदर्श ने आत्महत्या की कोशिश की थी. हालांकि सबने ये भी माना कि आदर्श के साथ उसके सीनियर छात्रों ने रैगिंग की थी.
कीर्ति आजाद के रिश्तेदार के साथ भी हुई थी रैगिंग
दरभंगा. दरभंगा के सांसद कीर्ति आजाद के साला अजय चौधरी ने रविवार को पत्रकारों को बताया कि 2008 में मैंने भी अपने बच्चे को ग्वालियर के सिंधिया स्कूल में नामांकन करवाया था. मेरे बेटे आदित्य ने कई बार स्कूल में रैगिंग की बात कही. हमलोगों ने स्कूल प्रशासन से बातचीत की, लेकिन स्कूल प्रशासन ने इससे इनकार कर दिया. बराबर मेरा बेटा स्कूल से अपने साथ रैगिंग करने की बात कहता रहता था, लेकिन हमलोग उसे नजरअंदाज कर देते थे. अगस्त, 2011 को स्कूल के एक शिक्षक का फोन आया कि आपका बच्च आदित्य स्कूल से भाग गया है. वह मेरे घर पर है. आपलोग जल्दी आ जाइए. मैं और मेरी पत्नी ग्वालियर पहुंचे, तो देखा कि मेरे बेटे का हाथ ब्लेड से कई जगह कटे हैं. तब हमलोग अपने बच्चे का इलाज करा कर वहां से इसे वापस ले आये. श्री चौधरी ने बताया कि आदित्य को फोटोग्राफी का शौक है. हमलोगों ने उसे निकोन का कैमरा, एपल का आइपैड व कीमती मोबाइल दिया था, जो उसके पास से गायब हो चुका था. उन्होंने कहा कि स्कूल के आवासीय शिक्षक ने मुझे फोन कर एक घर खरीदने की बात भी कही थी, लेकिन मैंने उनसे इंकार कर दिया था. स्कूल में जिन बच्चों के मां-बाप गिफ्ट के तौर पर कीमती सामान आवासीय शिक्षक को देते हैं उन्हीं के बच्चे वहां पढ़ पाते हैं. जो परिजन इस तरह के गिफ्ट उन्हें नहीं देते उसके बच्चों के साथ रैगिंग जैसा अमानवीय व्यवहार किया जाता है. श्री चौधरी ने बताया, जब हम स्कूल प्रशासन से रैगिंग की बात कहते थे तो उनका कहना था कि आपके बच्चे में ही खराबी है. आज मेरा बच्च महाराष्ट्र के पुणो में मैनेजमेंट का कोर्स कर रहा है और वह अच्छे अंकों से परीक्षा में पास भी हुआ है. हमलोगों ने आदर्श के साथ हुई घटना के बाबत सुना तो ग्वालियर पुलिस प्रशासन को फोन कर अपनी भी शिकायत दर्ज करायी है.