बिहार का बदलता माइंडसेट: बच्‍चा पैदा करने में मैच्योर हुआ बिहार

स्पेशल सेल जी हां, बिहार के लोगों में जल्दी शादी और जल्दी बच्‍चाे की चाहत घट रही है. अब देर से बच्‍चा पैदा करने का चलन बढ़ रहा है. यह बदलते बिहारी समाज का चेहरा है. इस तथ्य का खुलासा एनुअल हेल्थ सैंपल सर्वे की रिपोर्ट से हुआ है. सर्वे के अनुसार वर्ष 2012-13 में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 20, 2014 7:33 AM

स्पेशल सेल

जी हां, बिहार के लोगों में जल्दी शादी और जल्दी बच्‍चाे की चाहत घट रही है. अब देर से बच्‍चा पैदा करने का चलन बढ़ रहा है. यह बदलते बिहारी समाज का चेहरा है. इस तथ्य का खुलासा एनुअल हेल्थ सैंपल सर्वे की रिपोर्ट से हुआ है.

सर्वे के अनुसार वर्ष 2012-13 में 15 से 49 वर्ष की उम्र की महिलाओं की पहले बच्‍चाे के जन्म के वक्त औसत उम्र 21.8 वर्ष थी. वहीं, वर्ष 2011-12 में यह 21.6 वर्ष थी और वर्ष 2010-11 में 21.5 थी. एनुअल हेल्थ सर्वे की ताजा रिपोर्ट में वैसे जिलों की संख्या दोगुनी हो गयी है, जहां पहले बच्‍चाे के जन्म के समय महिलाओं की औसत उम्र लगभग 22 वर्ष या उससे अधिक है.

2010-11 में ऐसे जिले सिर्फ चार थे. वर्ष 2011-12 में ऐसे जिलों की तादाद बढ़ कर छह थी. वर्ष 2012-13 के सर्वे में ऐसे जिलों की संख्या 11 पर पहुंच गयी है. इन जिलों में पहली संतानवाली माताओं की औसत उम्र 22 वर्ष या उससे अधिक उम्र हो गयी है. जानकारों के अनुसार पहले बच्‍चाे में देरी की वजह महिलाओं में बढ़ती साक्षरता और संचार माध्यमों का बड़ा योगदान है.

हालांकि, पहले बच्‍चाे की संतान बननेवाली माताओं की उम्र के मामले में शहर और गांवों के बीच फासला बना हुआ है. शहरी इलाके में पहले बच्‍चाे की मां बनने की औसत उम्र 22.6 वर्ष है, जबकि गांवों में यह 21.7 वर्ष है. शहरी इलाके के सात ऐसे जिले हैं, जहां पहली संतान जननेवाली माताओं की औसत उम्र 23 वर्ष से ज्यादा है. भागलपुर के शहरी क्षेत्र में ऐसी माताओं की औसत उम्र 23.9 वर्ष है. किशनगंज जिले में पहले बच्‍चाे की मां बननेवाली महिलाओं की औसत उम्र 22 साल है.

Next Article

Exit mobile version