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क्या कमंडल का जवाब मंडल से ?

विंसटन चर्चिल ने कहा था कि राजनीति संभावनाओं से भरा खेल है और इसी संभावनाओं को तलाशते हुए लालू-नीतीश की जोडी ने 23 वर्षों के बाद फिर एक दूसरे को गले लगा लिया है. भाजपा को पराजित करने के विकल्प को तलाशते हुए दोनों ने असंभव कहे जाने वाले गठबंधन को भी संभव कर दिखाया. […]

विंसटन चर्चिल ने कहा था कि राजनीति संभावनाओं से भरा खेल है और इसी संभावनाओं को तलाशते हुए लालू-नीतीश की जोडी ने 23 वर्षों के बाद फिर एक दूसरे को गले लगा लिया है. भाजपा को पराजित करने के विकल्प को तलाशते हुए दोनों ने असंभव कहे जाने वाले गठबंधन को भी संभव कर दिखाया. लेकिन क्या यह जोडी भी मोदी लहर को रोकने में कामयाब हो पाएगी ?

लालू नीतीश की कल की चुनावी रैली का हाल

लालू यादव और नीतीश कुमार सोमवार को 23 साल के बाद एक मंच पर आए. किन्तु राजनीतिक पर्यवेक्षक लालू-नीतीश के इस मिलन को फ्लॉप शो की संज्ञा दे रहें हैं. सोमवार को दोनों के गठबंधन की औपचारिक घोषणा के लिए बुलाए गये चुन रैली में लोगों की भीड़ काफी कम थी. राजनीतिक पर्यवेक्षक बताते हैं कि 23 वर्षों के बाद कल एक साथ आये नीतीश-लालू की जोडी कुछ खास कमाल नहीं दिखा पायी है. इस रैली में भीड काफी कम देखा गया. ऐसे में ये जोडी भाजपा को कितना टक्कर देगी उसकी झलक तो मिलने लगी है लेकिन उपचुनाव के बाद यह भी साफ हो जाएगा.

क्या केवल मंच में हाथ मिला लेने व गले मिल लेने से पुराने दर्द मिट जाएंगे

यह सच है कि दोनों अब भाजपा से लोहा लेने के लिए एक राजनीतिक मंच पर आ गए हैं. और इसमें कोई शक नहीं है कि दोनों अपने-अपने राजनीतिक संभावनाओं को देखते हुए एक मंच पर आए हैं लेकिन क्या पिछले 23 सालों से एक-दूसरे को कोसते आए, एक दूसरे पर कटाक्ष करने वाले पुराने दर्द को भूल पाएंगे.

वर्ष 2012 में एनसीटीसी की बैठक के दौरान जब नीतीश ने नरेंद्र मोदी से हाथ मिलाया था तो लालू ने नीतीश की जमकर खिंचाई की थी. उन्होंने कहा था कि आज बिहार के मुख्यमंत्री की धर्मनिरपेक्ष छवि की पोल खुल गयी. और उसी नीतीश के साथ आज लालू मिलकर उनकी वाहवाही कर रहें है.

मोदी पर नीतीश का जमकर प्रहार

कल आयोजित चुनावी रैली में लालू-नीतीश ने मोदी पर जमकर प्रहार किया. नीतीश ने कहा कि भाजपा सत्ता के नशे में चूर हो गयी है. दोनों की जोडी ने कहा कि देश गलत लोगों के हाथों में चला गया है. नीतीश को अपना छोटा भाई बताते हुए लालू ने कहा कि हमदोनों एक ही परिवार से निकले हुए हैं. मोदी सरकार के अच्छे दिन पर चुटकी लेते हुए लालू ने कहा कि देश के अच्छे दिन तो नहीं लेकिन भाजपा के अच्छे दिन आ गये. उन्होंने पेट्रोल के दाम कुछ कम होने और टमाटर के दाम में बेतहाशा वृद्धि पर भी चुटकी ली.

क्या कमंडल का जवाब मंडल वाली इतिहास को दोहराया जाएगा

दोनों नेताओं ने कमंडल के खिलाफ मंडल के इतिहास को दोहराने का भी आह्वान किया. इसके लिए उन्होंने उत्तर प्रदेश के दो बडे नेताओं मुलायम और मायावती से भी गठबंधन करने की अपील की.

भाजपा का आरोप

इधर बीजेपी लालू-नीतीश गठबंधन को जंगलराज 2 की वापसी की संज्ञा दे रहें हैं. भाजपा का कहना है कि लालू के राज में तो बिहार में जंगलराज कायम रहा अब इस गठबंधन से वहां इसके पार्ट टू की शुरुआत करने की कोशिश की जा रही है.

चाहे जो भी हो लेकिन इन आरोपों प्रत्यारोपों के बीच जो मुख्य सवाल है वह यही है कि जिस मकसद के लिए वर्षों से एक दूसरे पर प्रहार करने वाले एक मंच पर आए हैं वे अपने मिशन में कितने कामयाब होते हैं यह देखने की बात होगी.

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