फंसे थे घूस लेते, सात पर आय से अधिक संपत्ति मामले में होगी जांच

पटना : ट्रैप केस में निगरानी ब्यूरो के स्तर से घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़े गये पदाधिकारियों और कर्मियों की संख्या वर्ष 2019 में 47 है. इनमें दो पदाधिकारी ऐसे हैं, जिन पर आय से अधिक संपत्ति (डीए) का मामला दर्ज हो गया है, जबकि दो-तीन अन्य पदाधिकारी रडार पर हैं. ऐसे इन्हें लगाकर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 31, 2019 7:19 AM

पटना : ट्रैप केस में निगरानी ब्यूरो के स्तर से घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़े गये पदाधिकारियों और कर्मियों की संख्या वर्ष 2019 में 47 है. इनमें दो पदाधिकारी ऐसे हैं, जिन पर आय से अधिक संपत्ति (डीए) का मामला दर्ज हो गया है, जबकि दो-तीन अन्य पदाधिकारी रडार पर हैं. ऐसे इन्हें लगाकर इस वर्ष निगरानी की तरफ से सात पदाधिकारियों पर डीए दर्ज किया गया है. इनकी जांच अंतिम स्तर पर चल रही है और इन पर डीए केस दर्ज होना तय माना जा रहा है. यह पहला मौका है, जब इतनी संख्या में ट्रैप के मामले डीए में बदल रहे हैं.

अब तक दो कार्यपालक अभियंता रैंक के पदाधिकारियों पर डीए केस दर्ज हो चुका है. ये दोनों पथ निर्माण विभाग में ही अलग-अलग स्थानों पर तैनात थे. इसमें पथ निर्माण विभाग में पटना पश्चिमी के कार्यपालक अभियंता सुरेश प्रसाद सिंह और कटिहार पथ प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता अरविंद कुमार शामिल हैं. सुरेश प्रसाद सिंह 8 जून को 14 लाख घूस लेते रंगे हाथ पकड़े गये थे.
जब उसके घर की तलाशी ली गयी, तो तीन करोड़ 36 लाख 53 हजार रुपये पकड़े गये थे. उनके साथ उनका लेखा लिपिक शशिभूषण कुमार भी पकड़ा गया था, जिसके माध्यम से ये घूस ले रहे थे. हालांकि, लेखा लिपिक पर डीए केस नहीं किया गया है. डीए केस में उनकी पत्नी शांति सिंह को भी नामजद अभियुक्त बनाया गया है.
सभी स्तर पर जांच के बाद सुरेश के खिलाफ पांच करोड़ 16 लाख आठ हजार रुपये से ज्यादा का डीए केस दर्ज किया गया है. यानी इन्होंने अपने वैद्य आय के मुकाबले पांच करोड़ से ज्यादा रुपये अवैध रूप से कमाये हैं. जांच आगे बढ़ने के बाद इसमें बढ़ोतरी की संभावना है. इसी तरह अरविंद कुमार को 17 नवंबर को 16 लाख घूस लेते पकड़ा गया था.
इनके घर की जब तलाशी शुरू की जानी थी, तभी इन्होंने करीब एक करोड़ रुपये और कई अचल संपत्ति से संबंधित अहम कागजात जला दिये थे. इस मामले में इनकी पत्नी और बेटे पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है. तमाम कागजात और कैश जला देने से इन पर डीए केस दर्ज करने में थोड़ी समस्या आ रही है. इस मामले की जांच अभी चल रही है. अब तक हुई जांच में तीन-चार करोड़ की अवैध संपत्ति की बात सामने आ चुकी है.
सबसे ज्यादा इंजीनियर पकड़े गये इस बार
निगरानी ब्यूरो ने 2019 में 40 पदाधिकारियों को पकड़ा था रंगे हाथ घूस लेते हुए, दो पर होगा डीए केस
व दो अन्य रडार पर
राज्य सरकार तालाब के लिए पट्टे पर जमीन लेगी

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