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कोसी का खौफ:जिंदगी तो बची,गृहस्थी उजड़ गयी

नेपाल की भोट कोसी नदी से बिहार की कोसी नदी में पानी के नियंत्रित और सामान्य बहाव के कारण फिलहाल खतरा भले ही कम हो गया हो, लेकिन इन क्षेत्रों के लोगों की परेशानियां अब भी कम नहीं हुई हैं. प्रशासन की ओर से उन्हें गांवों से निकाल कर राहत शिविर व अन्य सुरक्षित जगहों […]

नेपाल की भोट कोसी नदी से बिहार की कोसी नदी में पानी के नियंत्रित और सामान्य बहाव के कारण फिलहाल खतरा भले ही कम हो गया हो, लेकिन इन क्षेत्रों के लोगों की परेशानियां अब भी कम नहीं हुई हैं. प्रशासन की ओर से उन्हें गांवों से निकाल कर राहत शिविर व अन्य सुरक्षित जगहों पर भेज दिया गया है और प्रक्रिया अब भी जारी है. राहत शिविरों में लोग किसी प्रकार अपना गुजारा करने को मजबूर हैं. प्रभात खबर ने इस समस्या और लोगों की परेशानियों का हाल जाना.

* जीवित रहे, तो जी खा लेंगे

आ पदा की इस स्थिति में सामाजिक और पारिवारिक पृष्ठभूमि के भी कई रंग देखने को मिले. किसी चेहरे पर भविष्य की चिंता स्पष्ट नजर आयी, तो कई की अपनों से दूरी और अपनों का गैरों जैसा व्यवहार भी कई सवाल खड़े कर गया. चकला डभारी से 57.20 किलो मीटर स्पर पर पहुंच शरण ली रजिया खातून अपने सामान को सहेजती नजर आयी. पूछने पर बताया सब कुछ घर ही छोड़ आये हैं. जिंदगी ही दौलत है, बची तो फिर कमा लेंगे. जी-खा लेंगे.

डभारी के अब्दुल हलील हों या घीवक के मो सलाउद्दीन या मो इशा शनिवार रात तटबंध पर बारिश में भीगते रहे. सुरक्षित जगह की तलाश में भटकते रहे. चेहरा कोई भी हो इन विस्थापितों के चेहरे पर घर छोड़ने का दर्द था, अपनों से बिछुड़ने का गम था.मध्य विद्यालय बभनी राहत कैंप के बाहर दिघिया की प्रियंका देवी अपने तीन सप्ताह की बिटिया के साथ पेड़ के नीचे राहत कैंप में जगह पाने की उधेड़ बुन में बैठी नजर आयी.

* खुले आसमान के नीचे शरण

कोशी में आनेवाली संभावित बाढ़ की तबाही के भय से तटबंध के अंदर बसे गांव के लोग पलायन करने लगे हैं. प्रशासन द्वारा हाई अलर्ट घोषित करने से जिले के वीरपुर, सीतापुर, ठुठी, बलभद्रपुर सहित कई स्थानों से सैकड़ों परिवारों ने फारबिसगंज रेलवे स्टेशन, आइटीआइ कॉलेज सहित शैक्षणिक संस्थानों, अतिथि सदनों में शरण ली है. शहर के एनएच पर अवस्थित आइटीआइ कॉलेज में करीब 50 परिवार के लोगों ने खुले आसमानों के नीचे शरण ले रखा है.

* खाली करायें गांव

मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने जिलाधिकारी गिरिवर दयाल सिंह व एसपी मो रहमान को स्पष्ट निर्देश दिया है कि मधेपुर व फुलपरास प्रखंड में कोसी तटबंध के भीतर बसे गांवों को पूरी तरह खाली कराया जाये, ताकि जानमाल का नुकसान न हो. अगर ग्रामीण परिसंपत्ति की सुरक्षा को लेकर गांव छोड़ने से इनकार करते हैं, तो इन्हें जबरन सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जाये. प्रशासनिक अधिकारी प्रभावित होनेवाले इलाकों का मुआयना करें और स्थिति से निबटें. मधेपुर व फुलपरास, जो नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र हैं, में प्रशासन ने बचाव व राहत के प्रयास तेज कर दिये हैं.

* बांध टुटतै त हमर सबक किस्मत फुटतै

कु सहा त्रासदी का जख्म भरा भी नहीं था कि नेपाल में हुए भूस्खलन की खबर ने बाढ़ की आशंका से कोसी क्षेत्र के लोगों को भयभीत कर दिया है. हालांकि, सरकार और प्रशासन हाई अलर्ट जारी कर बाढ़ से निबटने की तैयारी में लग गया है. तटवर्ती इलाके से लोग जरूरत के सामनों के साथ परिजनों के पास सुरक्षित जगह पहुंच रहे हैं. जरूरी सामग्री की खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ दुकानों पर जुटी है. महिषी और नवहट्टा सीओ को तीन-तीन मोटरबोट उपलब्ध करा दिया गया है. लेकिन लोगों के सिर पर चिंता की लकीरें साफ दिख रही हैं. महिषी के मोहन राय कहते हैं, बांध यदि टुइट जेतैक त हमर सबहक किस्मत फुइट जेतैक. भगवान सं इहै प्रार्थना अछि कि बांध सुरक्षित रहय.

* युद्ध जैसी लग रही है तैयारी : मुख्यालय के पटेल मैदान स्थित आपदा गोदाम में बाढ़ से निपटने के लिए आपदा विभाग के कर्मियों द्वारा जरूरी सामानों की लिस्ट तैयार की जा रही है. गोदाम में लाइफ जैकेट, टेंट, पाइप, प्लास्टिक सहित अन्य जीवन रक्षक सामानों को भेजने के लिए अपडेट किया जा रहा है.

* पानी की धार कमजोर

नेपाल की भोट कोसी नदी के रूके पानी को नियंत्रित तरीके निकाले जाने से रविवार को बिहार में कोसी नदी में पानी में सामान्य तरीके से वृद्धि देखी गयी. केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक, वीरपुर बराज से करीब 50 किमी दूर बसुआ में कोसी का जलस्तर रविवार को दिन के एक बजे खतरे के निशान से एक सेमी ऊपर दर्ज किया गया. आयोग ने एडवाइजरी में कहा कि रात के दस बजे तक वहां जलस्तर में 27 सेमी तक बढ़ सकता है.

– पानी का बहाव

जल संसाधन विभाग के मुताबिक, बिहार में वीरपुर बराज से से करीब 51 किमी ऊपर नेपाल के बाराह क्षेत्र में कोसी में जलस्राव इस प्रकार रहा.

* शनिवार, रात 10 बजे : 94 हजार 775 क्यूसेक

* रविवार, दिन 12 बजे : एक लाख 26 हजार 200 क्यूसेक

* रविवार, दिन 2:30 बजे : एक लाख 22 हजार 650 क्यूसेक

* रविवार, शाम 5 बजे : एक लाख 18 हजार 400 क्यूसेक

– इधर, मजबूत तैयारी

नेपाल की भोट कोसी नदी के रुके पानी को नियंत्रित तरीके निकाले जाने से रविवार को कोसी नदी में पानी में सामान्य तरीके से बढ़ोतरी हुई. हालांकि राज्य सरकार ने किसी भी संभावित आपदा से निबटने के लिए हरसंभव उपाय जारी कर रखा है.

चार कॉलम (एक सौ) सेना के जवान को सुपौल व मधेपुरा में तैनात कर दिया गया है. सेना के 17 हेलीकॉप्टर किसी भी समय उड़ान भरने को तैयार हैं. यह जानकारी आपदा प्रबंधन विभाग के संयुक्त सचिव अनिरुद्ध कुमार ने दी. उन्होंने कहा कि सेना के चार हेलीकॉप्टर बिहटा हवाई अड्डा पर तैयार हैं. पानी के बहाव से नौ जिलों में खतरा उत्पन्न हो सकता है. इनमें सुपौल, पूर्णिया, सहरसा, मधेपुरा, खगडि़या, अररिया, मधुबनी, भागलपुर और दरभंगा है. इन जिलों के चार लाख 25 हजार की आबादी को त्रासदी का सामना करना पड़ सकता है. इसे बचाने के लिए 120 मानव शिविर और 17 पशु शिविर बनाये गये हैं. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के 855 जवान तैनात किये गये हैं.

* मुख्य सचिव ने डीएम-एसपी से की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग

कोसी नदी में संभावित त्रासदी को लेकर मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये नौ जिलों के डीएम और एसपी के साथ बैठक कर राहत और बचाव की समीक्षा की. शिविर में पेयजल, रोशनी, शौचालय, राशन, दवाएं, डॉक्टर आदि के इंतजाम का निर्देश दिया गया.

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