परिजनों का कहना था कि खून देने से वे खुद नहीं बचेंगे
औरंगाबाद (ग्रामीण) : रक्तदान को लेकर लोगों में व्याप्त गलतफहमी के कारण सलैया थाना क्षेत्र के बेरी टोला नथु बिगहा गांव के एक युवक की जान चली गयी. उसके शरीर में खून की कमी हो गयी थी.लेकिन, उसके पिता, मां और मामा ने खून नहीं दिया. उनका कहना था कि खून देने से उनके शरीर में खून की कमी हो जायेगी.
गुरुवार की रात नौरंगी भुइंया अपने पुत्र रमेश कुमार को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाये. उनके साथ रमेश की मां नंदकेशरी देवी, मामा मकसूद भुइंया और अन्य परिजन भी थे. अस्पताल के चिकित्सक डॉ अशोक दुबे ने बताया कि रमेश के शरीर में खून की कमी है. उसके खून में दो ग्राम ही हीमोग्लोबिन है.
चिकित्सक ने खून चढाने की सलाह दी. जब खून देने की बारी आयी, तो पिता, मां और मामा ने खून देने से इनकार कर दिया.
वे कहने लगे कि खून देने के बाद वे खुद नहीं बचेंगे. चिकित्सक ने काफी समझाया, लेकिन वे नहीं माने. युवक ने कुछ ही देर बाद दम तोड़ दिया. शुक्रवार की सुबह परिजन आनन-फानन में पुलिस के भय से शव लेकर फरार हो गये. इधर, अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ तपेश्वर प्रसाद ने बताया कि इस तरह की बात अस्पताल में नहीं हुई है.